ध्रुव जैसी भक्ति और विश्वास से मिलेंगे भगवान

ध्रुव जैसी भक्ति और विश्वास से मिलेंगे भगवान -- आचार्य डाक्टर सुरेश चरण बहुगुणा

ध्रुव जैसी भक्ति और विश्वास से मिलेंगे भगवान

ध्रुव जैसी भक्ति और विश्वास से मिलेंगे भगवान

चंडीगढ़। प्रतीतनगर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का तीसरा दिन घिल्डियाल भवन प्रतीतनगर में स्व० उमा देवी की वार्षिक श्राद्ध के अवसर पर चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन आचार्य डाक्टर सुरेश चरण बहुगुणा ने श्रद्धालुओं को ईश्वर प्राप्ति का द्वार दिखाया। उन्होंने कहा कि प्रभु को पाना चाहते हैं तो उनके प्रति अपार भक्ति और विश्वास होना चाहिए। दृढ़ निश्चय के बिना जीवन में किसी लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते तो भगवान तक कैसे पहुंच पाओगे?

दृढ़ भक्ति होनी चाहिए

आचार्य  ने कहा कि मनुष्य के जीवन में दृढ़ भक्ति की होनी चाहिए। तभी वह शिखर तक पहुंच सकता है। जैसे माता सुनीति के पुत्र ध्रुव ने किया था। भक्त प्रहलाद ने किया था। माता सेवरी ने भी यही निश्चय कर भगवान को पाया। उन्हें विश्वास था कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्र जी एक दिन उनकी कुटिया में आएंगे। प्रभु श्रीराम उन्हें बिसारेंगे नहीं। सार यही है कि प्रभु में अपार भक्ति होनी चाहिए और उन्हें पाने का भरोसा व पाने के लिए दृढ़ निश्चय होना चाहिए। यह हो तो भगवान जरूर मिलेंगे। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। प्रमुख रूप से कथा में नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज, कैलाशाचार्य जी, साध्वी माँ देवेश्वरी, पं श्यामलाल गौड़, आचार्य डाक्टर चण्डीप्रसाद घिल्डियाल, समर्थ घिल्डियाल, कु० अस्मिता, कमल कुकरेती, श्रीमती दीपा चमोली आदि की मौजूदगी रही।