महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश थमने का नाम नहीं ले रही,लोगों को झेलनी पड़ी तकलीफ
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महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश थमने का नाम नहीं ले रही,लोगों को झेलनी पड़ी तकलीफ

महाराष्ट्र के कई हिस्सों में लगातार दूसरे दिन हो रही बेमौत बारिश ने अत्यधिक तबाही मचाई है।

monorail: महाराष्ट्र के कई हिस्सों में लगातार दूसरे दिन हो रही बेमौत बारिश ने अत्यधिक तबाही मचाई है। खासकर नांदेड़ जिले में अचानक आई बादल फटने जैसी घटना ने आठ लोगों की जान ले ली और दर्जन से अधिक अन्य घायल हैं। वहीं, 12 से 14 लाख एकड़ तक खेती योग्य भूमि पर पानी का कहर टूट पड़ा, जिससे लाखों किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। यह तबाही सिर्फ क्षेत्रीय नहीं बल्कि व्यापक और गहरी आर्थिक चोट है, क्योंकि कृषि पर निर्भर इन परिवारों की आजीविका डगमगा गई है, और पशुधन को हुए नुकसान ने उनकी विपदा को और बढ़ा दिया है।

आईसीएमआर की चेतावनियाँ और बाढ़ से राहत प्रयास

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कोकण, मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और पालघर जैसे जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मुंबई में रिकॉर्ड 300 मिमी तक बारिश दर्ज की गई, जिससे रेल यातायात बाधित हुआ, मिटी नदी खतरनाक स्तर पर पहुँच गई और 400–500 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए। राज्य सरकार ने स्कूल और कार्यालयों को अवकाश घोषित किया और निजी कार्यालयों से कर्मचारियों को वर्क-फ्रॉम-होम पर जाने का आग्रह किया। NDRF और SDRF को सतर्क किया गया, और मुख्यमंत्री का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन अगले 48 घंटे बेहद संवेदनशील होंगे।

राहत, पुनर्वास और भविष्य की तैयारी सरकार क्या कर रही है?

बेरोक-टोक बारिश और बाढ़ से आम जनता प्रभावित हो रही है, लेकिन सरकार पूरी तैयारी के साथ काम कर रही है। जिला कलेक्टरों को वित्तीय सहायता, पशुधन और घरों के नुकसान सहित नुकसान के लिए ‘पंचनामा’ की रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, पड़ोसी राज्यों के साथ बांधों से पानी की डैम रिलीज को समन्वयित करने का काम भी चल रहा है, ताकि निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा कम किया जा सके। उद्धार, चिकित्सा और राहत शिविरों की व्यवस्था जारी है, और अब सरकार का लक्ष्य केवल पुनर्वास ही नहीं, बल्कि भविष्य में ऐसे मौसमी आपदाओं के लिए बेहतर तैयारी करना भी है। अगले कुछ दिनों में मौसम का पलटाव और राहत कार्यों की गति पूरे राज्य के लिए अहम साबित होगी।