विशाल हृदय वाला ही क्षमा पर्व का धारण करता है: आचार्य श्री सुबल सागर जी महाराज

विशाल हृदय वाला ही क्षमा पर्व का धारण करता है: आचार्य श्री सुबल सागर जी महाराज

Big Heart Celebrates

Big Heart Celebrates

Big Heart Celebrates: चड़ीगढ़ दिगम्बर जैन मंदिर में दसलक्षण क्षमा पर्व के वाद क्षमा पर्व का त्यौहार मनाया जाएगा। आचार्य श्री सुबलसागर जी महाराज के आशीर्वाद से एवं पवन सान्निध्य में कल दिन रविवार को सम्पूर्ण जैन समाज की भव्य क्षमा वाणी पर्व श्री दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर 27-बी में मनाया जायेगा। इस पर्व पर समस्त एक इंद्रिय, दो इन्द्रिय , तीन इन्द्रिय चार इन्द्रिय और पांच इन्द्रिय जीवों के प्रति हमारे द्वारा जो दुःख किया गया हो या उनका घात किया गया हो या हमारे द्वारा उनका छेदन- भेदन किया गया हो या उनको पीड़ा, कष्ट पहुँचाया गया हो उनके पापों की आलोचना करते हैं। और हमारे संगे सम्बंधी, इष्ट मित्र गण, परिवार के सदस्य सभी हम हाथ जोड़कर उनसे क्षमा मागते हैं और उन्हें क्षमा भी करते है।

कभी जाने अनजाने में, सुनने सुनाने में, पूछने बताने में, मान सम्मान देने में, मैंने अपने किसी भी भाव से, अपने शब्दों से, अपने व्यवहार से आपके दिल को ठेस पहुंचाई हो तो इस क्षमापणा पर्व के दिन आपसे अपनी त्रुटियों के लिए क्षमा मांगते है। और यही अपेक्षा रखते है कि आप अपने विशाल हृदय का परिचय देते हुए मुझे क्षमा करें। सभी जीवों के प्रति मैत्री भाव रखते है और कभी भी किसी से कोई वैर नहीं रखते हुए क्षमा को धारण करते है। अपने दोषों की पहचान कर उन्हें सुधारना, यही व्यक्ति की प्रगति का मार्ग है। “करुणा हो हृदयतल में, व परपीर हरना सिखलाया क्रोध अग्नि के तीव्र पहर में, नीर बनना सिखलाया युद्ध जीतना बहुत सरल है, हृदय जीतना बतलाया क्षमा धर्म ने हम सबको, महावीर बनना सिखलाया” आत्मशोधन का काम क्षमावाणी पर्व हैं जिन्दगी के कुछ ही पल है उन्हें जीने का प्रयास है, लेने देने लायक कुछ है तो वह प्रेम की मिठास है।यह जानकारी आचार्य श्री के संघ में विराजमान बाल ब्र. गुंजा दीदी ने दी।

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