यू ट्यूबर एल्विश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका: चलेगा मुकदमा, याचिका खारिज
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यू ट्यूबर एल्विश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका: चलेगा मुकदमा, याचिका खारिज

High Court on Elvish Yadav

High Court on Elvish Yadav

High Court on Elvish Yadav: सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर एल्विश यादव को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा में रेव पार्टी के दौरान सांप के ज़हर के इस्तेमाल से जुड़े मामले में दायर चार्जशीट और आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.

रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की एकल पीठ ने सोमवार को यह आदेश पारित किया. कोर्ट ने कहा कि एफआईआर और चार्जशीट में लगाए गए आरोपों की सत्यता का परीक्षण ट्रायल के दौरान ही किया जाएगा, इसलिए इस स्तर पर हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं बनता.

एल्विश यादव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील नवीन सिन्हा और निपुण सिंह ने दलील दी कि जो व्यक्ति इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने वाला है, वह वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अधिकृत अधिकारी नहीं है.

वकील ने यह भी कहा कि रेव पार्टी में एल्विश यादव की कोई मौजूदगी नहीं थी और न ही उनके पास से कोई सांप, ज़हरीला पदार्थ या मादक द्रव्य बरामद हुआ. उन्होंने यह भी बताया कि एफआईआर में जिन अन्य लोगों के नाम हैं, उनके साथ यादव का कोई प्रत्यक्ष संबंध स्थापित नहीं हो पाया है.

इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि एफआईआर दर्ज कराने वाला व्यक्ति अब पशु कल्याण अधिकारी नहीं है, इसके बावजूद उसने खुद को ऐसा बताते हुए एफआईआर दर्ज कराई.

एल्विश यादव के वकीलों ने यह भी कहा कि एल्विश यादव एक 'प्रसिद्ध इन्फ्लुएंसर' हैं, जो कई टेलीविज़न रियलिटी शोज़ में भी नज़र आते हैं, और इस कारण मामला मीडिया में अत्यधिक चर्चा में रहा. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने मीडिया दबाव में आकर एनडीपीएस एक्ट की धारा 27 और 27ए भी लगा दी, जो बाद में साबित न होने पर हटा दी गईं.

वहीं, सरकार की ओर से पेश हुए अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने यादव की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि एल्विश यादव उन लोगों को सांप उपलब्ध कराते थे, जिनके पास से सांप और ज़हर बरामद हुए थे. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद एल्विश यादव को अब ट्रायल का सामना करना होगा.