इमरान खान के बेटों को लेकर पाकिस्तान में चढ़ा सियासी पारा, जानें किसने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी

Imran Sons Targeted In Pakistan

Imran Sons Targeted In Pakistan

लाहौर: Imran Sons Targeted In Pakistan: सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं द्वारा शुक्रवार को चेतावनी दिए जाने के बाद सरकार और विपक्ष के बीच तनाव बढ़ गया है. गौर करें तो इस चेतावनी में कहा गया है कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बेटे जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री की पार्टी द्वारा आयोजित किसी भी "हिंसक विरोध प्रदर्शन" में शामिल होने के लिए पाकिस्तान आते हैं तो उनके साथ सख्ती से निपटा जाएगा.

एक तरफ जहां शहबाज शरीफ सरकार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की "इमरान खान फ्री मूवमेंट" विरोध योजना को विफल करने की तैयारी कर रही है. वहीं 72 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पूर्व पत्नी जेमिमा गोल्डस्मिथ का कहना है कि सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों द्वारा उनके बेटों को दी गई धमकियां "राजनीति नहीं, बल्कि व्यक्तिगत प्रतिशोध है." खान की बहन अलीमा खान ने हाल ही में कहा था कि उनके भाई के बेटे सुलेमान और कासिम 5 अगस्त से शुरू होने वाले पीटीआई विरोध आंदोलन के तहत पाकिस्तान आएंगे.

मरियम नवाज के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के एक कैबिनेट सदस्य ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि अगर खान के बेटे किसी भी "हिंसक विरोध प्रदर्शन" में शामिल होने के लिए पाकिस्तान आते हैं, तो उनके साथ सख्ती से निपटा जाएगा.

पंजाब की सूचना मंत्री और पीएमएल-एन नेता आज़मा बुखारी ने कहा कि पीटीआई के मुख्य संरक्षक इमरान खान के बेटों को देश में अशांति फैलाने की इजाज़त नहीं दी जाएगी.

उन्होंने सवाल किया, "खान के बेटे तब पाकिस्तान क्यों नहीं गए जब वह घायल थे? अब अचानक उन्हें पाकिस्तान की याद आ रही है." उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "जेमिमा ने कथित तौर पर अपने बेटों को पाकिस्तान जाने से रोक दिया है. हालांकि, एक बेटी को अपने पिता से मिलने का पूरा अधिकार है. भड़काने वालों को अशांति फैलाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी."

दूसरी ओर, जेमिमा ने पाकिस्तानी सरकार पर उनके बच्चों को उनके पिता से बात करने से रोकने और पाकिस्तान जाने पर उन्हें गिरफ़्तार करने की धमकी देने का आरोप लगाया है.

उन्होंने गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा “मेरे बच्चों को अपने पिता से फ़ोन पर बात करने की इजाज़त नहीं है. वह लगभग दो साल से जेल में एकांत कारावास में हैं.”

“पाकिस्तान सरकार ने अब कहा है कि अगर वे उनसे मिलने वहां जाएंगे, तो उन्हें भी गिरफ़्तार कर लिया जाएगा और सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा. किसी लोकतंत्र या किसी कार्यशील राज्य में ऐसा नहीं होता. जेमिमा ने आगे कहा कि यह राजनीति नहीं है. यह एक निजी प्रतिशोध है.”

जेमिमा का यह बयान प्रधानमंत्री के सलाहकार राणा सनाउल्लाह की उस चेतावनी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर खान के बेटे पाकिस्तान में किसी भी हिंसक पीटीआई विरोध प्रदर्शन में शामिल होते हैं, तो उन्हें गिरफ़्तार कर लिया जाएगा.

ख़ैबर पख़्तूनख़्वा के गवर्नर फ़ैसल करीम कुंदी ने कहा है कि खान के बच्चे क़ानून की पहुंच से बाहर नहीं हैं, और अगर वे क़ानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें किसी भी अन्य नागरिक की तरह क़ानूनी परिणाम भुगतने होंगे.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के सीनेटर इरफ़ान सिद्दीकी ने संकेत दिया कि सरकार उन्हें आते ही गिरफ़्तार नहीं करेगी. अगर वे पीटीआई के विरोध आंदोलन में शामिल होते हैं तो क़ानून अपना काम करेगा.

उन्होंने कहा, "मेरी निजी राय में, चूंकि सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक रुख़ नहीं अपनाया है. सुलेमान और कासिम को आने दिया जाना चाहिए. उन्हें आना चाहिए और अपनी गतिविधियां जारी रखनी चाहिए."

उन्होंने एक निजी समाचार चैनल को बताया कि ख़ान के बेटों ने अपनी पूरी ज़िंदगी विदेश में बिताई है. ऐसे में वे "इस बात से अच्छी तरह वाकिफ़ होंगे कि विरोध प्रदर्शन क्या होता है, इसे कैसे आयोजित किया जाता है, और वे कौन सी सीमाएं हैं, जिन्हें हम पार नहीं कर सकते."

सिद्दीकी ने आगे कहा, "मेरी राय में, ख़ान के बेटों को इस अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए. अगर वे अपने पिता के लिए आंदोलन चलाना चाहते हैं, तो उन्हें ऐसा करना चाहिए. हालांकि, अगर वे यहां आते हैं और क़ानून की सीमाओं को पार करते हैं, तो वे इसके लिए भी तैयार रहेंगे. यह जानते हुए कि अगर हम क़ानूनों से लड़ रहे हैं, तो क़ानून अपना काम करेगा."

कासिम ने हाल ही में एक्स पर अपने पिता के बेटों से "पूरी तरह कटे हुए" होने के बारे में पोस्ट किया था. उन्होंने पाकिस्तान की राजनीति में शामिल होने के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा.

कासिम ने कहा, "उन्हें (इमरान खान) अपने वकीलों से मिलने नहीं दिया जा रहा है, अपने परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है, हमसे (अपने बच्चों से) पूरी तरह कट गए हैं, यहाँ तक कि उनके निजी डॉक्टर को भी आने से मना कर दिया गया है. यह न्याय नहीं है. यह एक ऐसे व्यक्ति को अलग-थलग करने और तोड़ने की जानबूझकर की गई कोशिश है जो कानून के शासन, लोकतंत्र और पाकिस्तान के लिए खड़ा रहा."