Why non stop train slow before reach on railway platform

क्या आप जानते है कि नॉन स्टॉप ट्रेन किसी बड़े स्टेशन के आने से पहले स्लो क्यों हो जाती है? इस खबर में पढ़े वजह 

Why non stop train slow before reach on railway platform

Why non stop train slow before reach on railway platform

Why Non Stop Train Slow: भारतीय रेलवे में बहुत सी ट्रेने ऐसी है जो नॉन स्टॉप दौड़ती है और कई ट्रेने ऐसी है जो कीं अपने निर्धारित समय पर स्टेशन पर पहुंचती है और कभी-कभी लेट भी चलती है। रेलवे ने शुरू से ही यात्रीयों को अच्छी से अच्छी सुविधा दी है और टेक्नोलॉजी के माधयम से समय के साथ साथ बदलाव भी किए गए है। आपको तो पता है कि हमारे देश में रोजाना हजारों लोग ट्रेन से सफर करते हैं लेकिन ट्रेन से जुड़ी हुई कुछ जानकारी और नियमों के बारे में लोगों को अभी कुछ खास नहीं पता है। नॉन स्टॉप ट्रेन में सफर करते समय आपने यह नोटिस किया होगा कि बड़े स्टेशन के आने से पहले ट्रेन स्लो हो जाती है पर आखिर ऐसा क्यों होता है ये सब नहीं जानते होंगे, तो चलिए इसके बारे में जानते हैं। 

ट्रेवल करने के है शौक़ीन तो जानें टिकट पर लिखे GNWL, PQWL और RQWL का क्या होता है मतलब? 

Passenger train services resume after 65 hours on Grand Chord line -  Lagatar English

कौन से स्टेशनों पर स्लो होती है ट्रेन? 
जब नॉन स्टॉप ट्रेन, मेन रेलवे ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर जाती है तो ट्रेन की स्पीड 100 किलोमीटर नहीं रखी जा सकती है। रेलवे के सेफ्टी नियमों में इस बात का स्पष्ट की गई है कि ट्रेन द्वारा लाइन बदलते समय के साथ उसकी गति एकदम से कम होने की बजाए पहले से कम रखनी चाहिए। जैसे ही ट्रेन किसी क्रॉस ओवर प्लाइंट से गुजरती है तो स्पीड स्लो हो जाती है। स्टेशनों पर कई प्लेटफार्म ऐसे होते हैं जब ट्रेन मेन लाइन से होते हुए स्टेशन में प्रवेश करती है, तो लोको पायलट को ट्रेन की स्पीड अपने आप कम करनी होती है। इसके पीछे का कारण यह है कि मेन लाइन से निकल कर ट्रेन कई ट्रैक बदलते हुए प्लेटफार्म से गुजरती है और जब स्टेशन से गुजर जाती है तो फिर उसकी स्पीड बढ़ जाती है। यही कारन है कि नॉन स्टॉप ट्रेन स्लो हो जाती है। 

स्पीड रिस्ट्रिक्शन होती है
आपको बता दें कि मेन लाइन पर ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है, लेकिन नॉन स्टॉप ट्रेन अन्य स्टेशन के प्लेटफार्म से उतनी स्पीड में नहीं गुजरती है। अधिकतर स्टेशनों पर नॉन स्टॉप ट्रेनों के लिए अप और डाउन, दो मेन लाइन होते हैं। इन लाइनों पर ट्रेन अपनी गति से गुजर जाती है। लोको पायलट को स्पीड रिस्ट्रिक्शन का नियम बड़े स्टेशन पर फॉलो करना बहुत जरूरी होता है। इसके अलावा एक्सप्रेस ट्रेनों में 22 या 24 डिब्बे होते हैं। नॉन स्टॉप ट्रेनों को यदि किसी स्टेशन पर रोकना होता है, तो जिस गति से वह ट्रेन चल रही है उस गति में प्लेटफार्म पर नहीं रोका जा सकता है, क्योंकि यदि ज्यादा गति में ट्रेन को रोकने के लिए ब्रेक लगाया जाता है तो ट्रेन में बेहद तेज झटका महसूस होगा। ऐसे में दुर्घटना होने की संभावनाएं भी अधिक हो जाती हैं। तो इन सभी कारणों से नॉन स्टॉप ट्रेन किसी बड़े स्टेशन के आने से पहले स्लो हो जाती है। 

घूमने जाना है और बजट है कम, तो यहां जानें Homestay और Hotel में कौन सी जगह ठहरने के लिए है बढ़िया