Who will be harmed due to the ban of 2 thousand note

Editorial: 2 हजार का नोट बंद होने से किसे नुकसान, किसे फायदा

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Who will be harmed due to the ban of 2 thousand note

Who will be harmed due to the ban of 2 thousand note विपक्ष की इस आलोचना कि एक बार फिर 2 हजार रुपये की नोटबंदी करके केंद्र सरकार ने देश के सामने संकट पैदा कर दिया है, यह समझना जरूरी है कि आखिर दो हजार रुपये का नोट आजकल किसके पास है।

पिछले काफी समय से 2 हजार रुपये का नोट न एटीएम से निकल रहा था और न ही उसे बाजार में देखा जा रहा था। बैंकों की ओर से भी इस नोट का प्रचलन बंद कर दिया गया था। ऐसा इसलिए था, क्योंकि केंद्र सरकार इस नोट को छापकर अपना मकसद पूरा कर चुकी थी। लेकिन आजकल 2 हजार के नोट की गड्डियां भ्रष्टाचारी नौकरशाह, राजनीतिकों, कारोबारियों के बेडरूम और उनके महलों की दीवारों से निकल रही थी।

बीते वर्ष पश्चिम बंगाल में तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी जब भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े गए और उनकी सहयोगी की इसमें संलिप्तता मिली तो उनके आवासों से दो हजार रुपये के नोटों की ढेरियां मिली थी। इसके बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से जुड़ी कंपनी के पूर्व एमडी के ठिकानों से 38 करोड़ की रकम मिली। फिर बंगाल में ही एक बिजनेस मैन से 16 करोड़ की नकदी बरामद की गई। इसी तरह से अनेक मामले हैं, ऐसे में केंद्र सरकार ने 2 हजार रुपये के नोट को बंद करके भ्रष्टाचारियों पर ही चोट की है, हालांकि इस दौरान एक बार फिर आम नागरिक को भी परेशानी उठानी पड़ रही है, लेकिन यह 2016 के उस नोटबंदी काल से बिल्कुल अलग समय है, जब देश में हाहाकार मच गया था।

इस बार अगर 2 हजार के नोट को बंद करने का ऐलान हुआ है तो संभव है, सरकार की ओर से जितना समय नोट बदलने को दिया गया है, वह पर्याप्त है। क्योंकि लंबे समय से यह नोट प्रचलन में नहीं था, इसलिए आम नागरिक के पास उसकी तादाद कम ही मिलेगी। हालांकि अवैध कमाई करके नोटों के बंडल और बौरे घरों में बंद करके रखे हुए लोगों को जरूर तकलीफ उठानी पड़ सकती है। और वैसे केंद्र सरकार ने ऐसे ही लोगों को सबक सिखाने के लिए फिर नोटबंदी की है।

यह भी गौर करने लायक बात है कि गुजरात में आरबीआई के इस ऐलान के बाद सोने और चांदी को खरीदने वालों का तांता लग गया। यानी लोगों के पास 2 हजार के नोटों के बड़े बंडल थे, उन्होंने इसे बैंक में जमा कराने की जहमत से बचने के लिए ज्वेलर्स से गहने खरीदना ज्यादा सुरक्षित माना। अहमदाबाद में नोटबंदी के ऐलान के बाद 10 ग्राम सोने के रेट सामान्य से 5 से 10 हजार रुपये ज्यादा लगाए गए। यहां एक किलो चांदी का रेट 80 हजार रुपये तक पहुंच गया।

आरबीआई एक स्वायत्त संस्था है, जोकि अपने निर्णय स्वयं लेती है, लेकिन केंद्र सरकार के साथ मिलकर उसे चलना होता है। ऐसे में यह तो निश्चित है कि केंद्र सरकार की सिफारिश पर ऐसा निर्णय लिया गया है। हालांकि सवाल यह है कि आखिर कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद ऐसा ऐलान क्यों किया गया। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अप्रत्याशित जीत ने केंद्र में सरकार चला रही भाजपा को जोरदार आघात पहुंचाया है। यह भाजपा की उस रणनीति से कोसों दूर की बात है, जिसमें वह यह तय मान चुकी थी कि वही राज्य में जीत दर्ज करेगी। हालांकि अभी पार्टी और देश में इसको लेकर मंथन जारी है कि यह कांग्रेस की स्वाभाविक जीत है या फिर भाजपा की गलतियों से उसका भला हो गया? तब जनता का ध्यान दूसरी तरफ करने के लिए क्या एक बार फिर नोटबंदी की गई है?

कांग्रेस ने 2016 में भाजपा सरकार के द्वारा नोटबंदी किए जाने का कड़ा विरोध किया था, इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएं तक डाली गईं। जिसमें माननीय अदालत ने फैसला दिया था कि यह केंद्र सरकार का सर्वाधिकार है, उसे फैसला लेने से नहीं रोका जा सकता। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में यह प्रमुख चुनावी मुद्दा था। वहीं अब एक बार फिर कांग्रेस ने 2 हजार के नोट को बंद करने के खिलाफ आवाज बुलंद की है।

पार्टी  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार करते हुए इसे तुगलकी फरमान बताया है। वहीं पार्टी नेता ऐसे भी दावे कर रहे हैं कि उन्हें पहले ही पता था कि 2 हजार के नोट वापस लिए जाएंगे। टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने इसे देश से धोखा बताया है, वहीं आप संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार के भ्रष्टाचार खत्म करने की कोशिश पर सवाल उठाए हैं।

वास्तव में यह काफी असहज फैसला हो सकता है, देश में नोटबंदी बहुत बार हुई है, लेकिन 2016 में जो हुआ था, उसने पूरे देश की यादों में ऐसी कड़वाहट भर दी थी जोकि आजतक पीछा नहीं छोड़ रही। हालांकि एक सरकार सभी पक्षों पर विचार करके ऐसे निर्णय लेती है, लेकिन फिर भी यह जरूरी है कि जनता की सुविधा का ध्यान रखा जाए। मौजूदा फैसले से भी दिक्कतें खड़ी होंगी, लेकिन उतनी नहीं। सरकार अगर निश्चित रूप से भ्रष्टाचार खत्म करना चाहती है तो उसे दूसरे उपाय भी प्रबल करने होंगे। 

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