नेपाल ने 100 रुपये के नोट पर भारत के किन तीन इलाकों को बताया अपना? पर्दे के पीछे से चीन तो नहीं रच रहा साजिश!

नेपाल ने 100 रुपये के नोट पर भारत के किन तीन इलाकों को बताया अपना? पर्दे के पीछे से चीन तो नहीं रच रहा साजिश!

Nepal Issues New NPR 100 Banknote

Nepal Issues New NPR 100 Banknote

काठमांडू (नेपाल): Nepal Issues New NPR 100 Banknote: भारत के पड़ोसी देश नेपाल ने गुरुवार को नए नोट जारी किए हैं. जानकारी के मुताबिक नेपाल के केंद्रीय बैंक ने 100 रुपये के नोट जारी किए. इस नए नोट में देश का संशोधित मैप छापा गया है, जिसमें लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी के भारतीय इलाकों को भी दिखाया गया है. वहीं, भारत ने इन नए नोटों में भारतीय क्षोत्रों को शामिल करने पर आपत्ति जताई है. इससे पहले भी भारत इन क्षेत्रों को अपना बताकर आपत्ति जता चुका है.

ताजा जानकारी के मुताबिक नेपाल के 100 रुपये के नए नोट आज शुक्रवार से चलन में आ गए हैं. एक पब्लिक नोटिस में, हिमालयी देश के सेंट्रल बैंक, नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB) ने कहा कि 100 रुपये के नए नोट को 'असलीपन और इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए बेहतर सिक्योरिटी और पहचान वाले एलिमेंट्स' शामिल करने के लिए डिजाइन किया गया है. पिछले साल अक्टूबर में, NRB ने एक चीनी कंपनी को नए बैंकनोट छापने का काम सौंपा था. नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कैबिनेट ने पिछले साल मई 2024 में इन नए नोटों की डिजाइन को मंजूरी दी थी. इसकी प्रिंटिंग का कॉन्ट्रैक्ट चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन को मिला था.

जानें नेपाल के 100 रुपये के नए नोटों की डिजाइन

नेपाल राष्ट्र बैंक एक्ट के तहत, NRB नोटों के डिजाइन के लिए जिम्मेदार है, हालांकि नोटों के डिजाइन या साइज में किसी भी बदलाव के लिए सरकार की मंज़ूरी की जरूरत होती है. नए नोट में बाईं ओर माउंट एवरेस्ट और दाईं ओर नेपाल के राष्ट्रीय फूल रोडोडेंड्रोन का वॉटरमार्क है. नोट के बीच में नेपाल के नक्शे और अशोक स्तंभ की तस्वीरें हैं, जबकि मुख्य डिजाइन में एक सींग वाले गैंडे और उसके बच्चे को दिखाया गया है. वहीं, दिव्यांगों के लिए अशोक पिलर के पास एक टैक्टाइल काला डॉट जोड़ा गया है ताकि छूकर कीमत पहचानने में मदद मिल सके.

तत्कालीन राज्यपाल के हस्ताक्षर

नोट में पिछले हिस्से का रंग और साइज वही है और इसमें बाईं ओर एक ओवल के अंदर सिल्वर मेटैलिक इंक से माया देवी की तस्वीर छपी है. इस नोट पर तत्कालीन राज्यपाल महा प्रसाद अधिकारी के हस्ताक्षर हैं और नीचे नेपाली अंकों में '2081' अंकित एक श्रृंखला संख्या शामिल है. चीनी कंपनी को 300 मिलियन 100 रुपये के नोट डिजाइन करने, प्रिंट करने, सप्लाई करने और डिलीवर करने का काम दिया था.

भारत ने 2020 में भी खारिज किया था फैसला

वहीं, 20 मई, 2020 को नेपाल ने एक संवैधानिक संशोधन के माध्यम से लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को शामिल करते हुए एक नया नक्शा जारी किया. भारत ने नेपाल के इस कदम को पूरी तरह से खारिज कर दिया था और कहा था कि नेपाल सरकार ने एक बदला हुआ ऑफिशियल मैप जारी किया है जिसमें भारतीय इलाके के कुछ हिस्से शामिल हैं. इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने 20 मई को कहा कि यह एकतरफा काम ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है. यह डिप्लोमैटिक बातचीत के जरिए बाकी सीमा मुद्दों को सुलझाने की आपसी समझ के खिलाफ है. इलाके के दावों का ऐसा बनावटी विस्तार भारत स्वीकार नहीं करेगा.

भारत के रुख से नेपाल अच्छी तरह से वाकिफ

विभाग ने आगे कहा कि नेपाल इस मामले पर भारत के लगातार रुख से अच्छी तरह वाकिफ है और हम नेपाल सरकार से अपील करते हैं कि वह इस तरह के गलत कार्टोग्राफिक दावे से दूर रहे और भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे. हमें उम्मीद है कि नेपाली लीडरशिप बाकी बचे सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए डिप्लोमैटिक बातचीत के लिए एक अच्छा माहौल बनाएगी. भारत ने इस साल अगस्त में भी लिपुलेख दर्रे के जरिए भारत-चीन सीमा व्यापार फिर से शुरू करने पर नेपाल की आपत्ति को खारिज कर दिया था.

दोनों देशों के बीच 1954 में शुरू हुआ था बिजनेस

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस बारे में हमारी स्थिति एक जैसी और साफ रही है. लिपुलेख दर्रे के जरिए भारत और चीन के बीच बॉर्डर ट्रेड 1954 में शुरू हुआ था और दशकों से चल रहा है. हाल के सालों में कोविड और दूसरी घटनाओं की वजह से यह ट्रेड रुक गया था, और अब दोनों पक्ष इसे फिर से शुरू करने पर सहमत हो गए हैं. जहां तक ​​इलाके के दावों की बात है, हमारी स्थिति यह है कि ऐसे दावे न तो सही हैं और न ही ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित हैं. इलाके के दावों का कोई भी एकतरफा बनावटी विस्तार मंजूर नहीं है.