गोरखपुर को मिली अत्याधुनिक फॉरेंसिक लैब: सीएम योगी ने किया उद्घाटन, बोले—‘अब अपराधियों का बचना मुश्किल’

Forensic Lab Inaugurated Gorakhpur

Forensic Lab Inaugurated Gorakhpur

Forensic Lab Inaugurated Gorakhpur: गोरखपुर में आधुनिक तकनीक से लैस ए-ग्रेड फॉरेंसिक लैब का मंगलवार को उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। यह नया उच्चीकृत भवन लगभग 72.78 करोड़ की लागत से बना है और इसमें जी+6 मंजिल की संरचना शामिल है। उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अपराध करने वाले अपराधियों के लिए बचना लगभग असंभव हो गया है।

मील का पत्थर साबित होगी यह लैब

सीएम ने बताया कि 2017 से पहले अपराध के साक्ष्य संकलन और जांच प्रक्रिया में देरी के कारण कई अपराधी बच निकलते थे। लेकिन अब पूरी तरह हाईटेक फॉरेंसिक लैब की स्थापना से घटनास्थल से तत्परता से साक्ष्य एकत्र किए जाएंगे और जांच में उन्नत तकनीक के माध्यम से त्वरित परिणाम प्राप्त होंगे। इससे पीड़ितों को न्याय मिलने में अब देरी नहीं होगी। योगी ने इसे उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण और जांच प्रक्रिया के क्षेत्र में मील का पत्थर करार दिया।

हर पीड़ित को न्याय दिलाना मुख्य लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने 2023 में लागू किए गए तीन नए कानूनों का जिक्र किया – भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य संहिता 2023। इन कानूनों का उद्देश्य हर पीड़ित व्यक्ति को समय पर न्याय प्रदान करना है। अब सात वर्ष से अधिक की सजा वाले अपराधों में अनिवार्य रूप से फॉरेंसिक साक्ष्य जुटाना होगा, जिससे अपराधियों को बचना मुश्किल हो जाएगा।

2017 से पहले नाममात्र की थीं लैबें

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि जब 2017 में उनकी सरकार बनी, तब उत्तर प्रदेश में फॉरेंसिक लैबें केवल नाम मात्र की थीं। उस समय उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक कमिश्नरी स्तर पर कम से कम एक एफएसएल लैब हो। आठ वर्षों में चार लैबों से बढ़कर अब कुल 12 लैबें स्थापित की जा चुकी हैं। इसके अलावा, हर जिले में दो-दो मोबाइल फॉरेंसिक वैन भी उपलब्ध करवाई गई हैं, जो घटनास्थल से सैंपल एकत्र कर सकती हैं।

गोरखपुर की अपग्रेड लैब में 60 प्रकार की जांच

गोरखपुर में स्थापित नई लैब में कुल 60 प्रकार की फॉरेंसिक जांच की सुविधा होगी। इसके अलावा, युवाओं के लिए रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से लखनऊ में यूपी स्टेट फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट की स्थापना की गई है। यहाँ विभिन्न पाठ्यक्रमों, सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स की व्यवस्था है। लैब में एडवांस डीएनए डायग्नोस्टिक सेंटर, ड्रोन और रोबोटिक लैब की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।

वैज्ञानिक साक्ष्य से समय पर न्याय सुनिश्चित

मुख्यमंत्री ने बताया कि लैब का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को समय पर न्याय उपलब्ध कराना है। वैज्ञानिक साक्ष्य के माध्यम से न्यायालय में अपराधियों को समय पर दंडित कराना अब संभव हो गया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पुलिस भर्ती और प्रशिक्षण प्रक्रिया अब अधिक कुशल और व्यापक हो गई है, जिससे छह गुना अधिक पुलिसकर्मियों को एक साथ प्रशिक्षित किया जा सकता है।