कानपुर में वकील ने दरोगा को जड़ा थप्पड़; साथी अधिवक्ता को छुड़ाने की कोशिश, लॉ स्टूडेंट पर किया था हमला, बाहर निकल आईं थीं आंतें
Lawyer Slaps Police Officer in Kanpur
Lawyer Slaps Police Officer in Kanpur: कानपुर के रावतपुर क्षेत्र में 25 अक्टूबर को एलएलबी छात्र अभिजीत सिंह पर चापड़ से जानलेवा हमला किए जाने के मामले ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी थी. इस हमले में अभिजीत की दो उंगलियां कट गईं, सिर पर गंभीर घाव हुआ, और पेट में चापड़ लगने से उनकी आंतें बाहर निकल आईं. हमले के छह दिन बाद भी अभिजीत सर्वोदय नगर के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.
इधर हमले के आरोपी, डिबार वकील प्रिंस राज श्रीवास्तव, को बुधवार को कचहरी परिसर से गिरफ्तार करने गई पुलिस को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. जैसे ही पुलिस प्रिंस को वैन में बैठाकर ले जाने लगी, वकीलों के एक समूह ने उसे घेर लिया और स्थिति बेकाबू हो गई.
वकील ने दरोगा को मारा थप्पड़
इस दौरान, खींचतान और हाथापाई हुई, जिसमें एक अधिवक्ता ने एक दरोगा को थप्पड़ जड़ दिया. वकीलों ने गाली-गलौज करते हुए पुलिसकर्मियों को दौड़ा लिया. पुलिस किसी तरह आरोपी प्रिंस को लेकर जान बचाकर कचहरी से निकल पाई.
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर गुरुवार को वायरल हो गया है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे वकीलों का समूह पुलिस को रोकने की कोशिश करता है, आरोपी प्रिंस को गाड़ी से नीचे खींचने का प्रयास करता है और पुलिसकर्मियों पर हमलावर हो जाता है. गुरुवार को भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच प्रिंस राज श्रीवास्तव को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया.
गरिफ्तार आरोपी ने क्या कहा?
गिरफ्तारी से पहले मंगलवार को प्रिंस राज श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद को बेकसूर बताया था. उसका कहना था कि रावतपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर सौरभ ठाकुर 2021 से उससे रंजिश रखता है, और अभिजीत उसके साथ रहता है. प्रिंस ने आरोप लगाया कि सौरभ ने उस पर कई बार हमले कराए हैं.
प्रिंस के अनुसार, मारपीट के समय वह मौके पर नहीं था, बल्कि मेडिकल स्टोर संचालक के बुलाने पर पहुंचा था, जहां पहले से ही पुलिस मौजूद थी. उसका दावा है कि अभिजीत की मां को गुमराह कर उसका नाम लिखवाया गया है और मारपीट में उसका कोई रोल नहीं है.
जांच में जुटी पुलिस
कचहरी में पुलिसकर्मियों के साथ हुई अभद्रता पर अपर पुलिस उपायुक्त पूर्वी अंजली विश्वकर्मा ने कहा कि 29 अक्टूबर को कोर्ट परिसर में कुछ व्यक्तियों ने पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता की थी. उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो की सत्यता और शामिल लोगों की पहचान की जांच की जा रही है, और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में दोषियों पर विधिक कार्रवाई की जाएगी.
 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                