ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम में बत्ती हो गई गुल, नाराज हो गए ‘नेताजी’; नप गए 5 अफसर

Power failure during Energy Minister's Program

Power failure during Energy Minister's Program

 मुरादाबाद : Power failure during Energy Minister's Program: नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत विभाग मंत्री एके शर्मा के सामने समीक्षा बैठक में बिजली अफसरों की मनमानी का पुलिंदा जनप्रतिनिधियों ने रखा ही था कि रात होते-होते हकीकत सामने आ गई। ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम में ही बिजली गुल हो गई।

लापरवाही का आलम यह था कि 33 केवी लाइन की आपूर्ति तक प्रभावित हो गई। जिससे करीब 12 मिनट बिजली गुल रही जिसके बाद बिजली अफसरों पर गाज गिर गई। प्रबंध निदेशक पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ईशा दुहन ने मुख्य अभियंता अरविंद कुमार सिंघल, अधीक्षण अभियंता शहर सुनील कुमार अग्रवाल, अधिशासी अभियंता प्रथम प्रिंस गौतम, उपखंड अधिकारी कंपनी बाग राणा प्रताप व अवर अभियंता ललित कुमार को निलंबित कर दिया। सभी के विरुद्ध विभागीय जांच भी बैठा दी।

समीक्षा बैठक में जनप्रतिनिधियों ने बयां की थी अफसरों की मनमानी

मंत्री एके शर्मा रविवार को मुरादाबाद नगर निगम के लोकार्पण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। सर्किट हाउस में विभागीय समीक्षा के बाद रात आठ बजे सिविल लाइंस कंपनी बाग में फाइव-डी मोशन चेयर और थ्री-डी होलो ग्राफिक्स का लोकार्पण कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान कंपनी बाग बच्चा पार्क में मीटर में आग लग गई। जिससे पार्क की बत्ती गुल हो गई।

डायरेक्ट आपूर्ति की चालू

बिजली कर्मचारियों ने आनन-फानन में डायरेक्ट आपूर्ति चालू की। इसी बीच कंपनी बाग बिजली उपकेंद्र से जा रही 33 केवी लाइन टैक्सी स्टैंड की आपूर्ति फेल हो गई। इससे बिजली ठप हो गई। लगभग 12 मिनट में जैसे-तैसे आपूर्ति सुचारू की जा सकी। मंत्री के साथ कार्यक्रम में डायरेक्टर टेक्निकल एनके मिश्रा भी थे। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी एमडी को दी। तत्काल ही एमडी ने एक्शन लेते हुए मुख्य अभियंता समेत पांच को निलंबित कर दिया।

कार्यक्रम के दौरान मीटर में लगी आग, 33 केवी लाइन की आपूर्ति हो गई फेल

एमडी ईशा दुहन ने बताया कि नगर विकास एवं बिजली मंत्री के कार्यक्रम के दौरान विद्युत व्यवधान हुआ था। प्रथम दृष्टया अनुरक्षण कार्य में लापरवाही की बात सामने आने पर मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता, एसडीओ और अवर अभियंता को निलंबित किया गया है। जांच भी बैठा दी है। कार्रवाई से बिजली विभाग के अफसरों में खलबली मची हुई है।

बोले थे जनप्रतिनिधि, बिजली अफसर फोन नहीं उठाते

बिजली विभाग की समीक्षा बैठक में जनप्रतिनिधियों ने मंत्री के सामने बिजली अफसरों की कारगुजारी बयां की थी। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बिजली अफसर तो जनप्रतिनिधियों का ही फोन उठाना मुनासिब नहीं समझते। खासतौर पर जेई (अवर अभियंता) और एई (सहायक अभियंता)। ऐसे में जनता के साथ इनका व्यवहार क्या होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है।

कहा कि छापे के नाम पर उपभोक्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है जबकि उनकी समस्याओं का मौके पर निस्तारण होना चाहिए। मनमानी की यह स्थिति देख मंत्री ने बिजली अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना व्यवहार और कार्यशैली सुधारने की नसीहत दी। दो टूक कहा कि बिजली अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों के फोन रिसीव न करने पर कड़ी कार्रवाई होगी। रात में मंत्री का जब सच से सामना हुआ तो अफसरों पर गाज भी गिर गई।