Unique love story, Second World War hero going to marry his girlfriend at the age of 100

अनोखी प्रेम कहानी, 100 साल की उम्र में अपनी गर्लफ्रेंड से शादी करने जा रहे दूसरे विश्व युद्ध के हीरो

Unique love story, Second World War hero going to marry his girlfriend at the age of 100

Unique love story, Second World War hero going to marry his girlfriend at the age of 100

Unique love story, Second World War hero going to marry his girlfriend at the age of 100- नहीं सुनी होगी ऐसी लव स्टोरी! 100 साल की उम्र में अपनी गर्लफ्रेंड से शादी करने जा रहे दूसरे विश्व युद्ध के हीरो

हेरोल्ड टेरेन्स ने इस दिन दूसरे विश्व युद्ध का रुख ही बदल दिया था. इस दौरान कुछ ही लोगों की जान बची थी, जिसमें हेरोल्ड टेरेन्स भी शामिल हैं. नॉर्मंडी में युद्धबंदियों को स्वेच्छा से मुक्त कराने में बिताए गए उनके समय के बाद वर्षों बाद डी-डे की लैंडिंग की 80वीं वर्षगांठ पर उन्हें 6 जून 2024 को सम्मानित किया जाएगा.

इसके बाद 8 जून 2024 को दोनों फ्रांस के उसी समुद्री तट पर एक-दूसरे से शादी करेंगे, जहां साल 1944 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हजारों अमेरिकी सैनिक पहुंचे थे. टेरेंस का कहना है कि उनकी लंबी जिंदगी का राज सकारात्मकता और प्यार है.

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार टेरेंस ने कहा कि यह एक ऐसी प्रेम कहानी है, जिसे आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी. टेरेंस के 18 साल के होने के कुछ ही समय बाद, जापान ने पर्ल हार्बर में अमेरिकी नौसेना बेस पर बमबारी की.

टेरेंस का कहना है कि वह 19 साल की उम्र में सेना में शामिल हुए और रेडियो ऑपरेटर तकनीशियन के रूप में योग्यता प्राप्त की. टेरेंस ने कहा, मैंने हवाई जहाजों की पेंटिंग करने से लेकर कैदियों को उनका हौसला वापस पाने में मदद करने तक सब कुछ किया.

स्वेलिन ने कहा, टेरेंस बहुत ही हंसमुख और मजाकिया इंसान है. वह घर घटना को तारीख और स्थान सहित याद रखता है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद हेरोल्ड टेरेंस ने घर लौटकर थेल्मा से शादी कर ली. उनके तीन बच्चे थे. इसके बाद टेरेंस ने ब्रिटिश की एक कंपनी में भी किया, जहां से रिटायर होने के बाद वह फ्लोरिडा में बस गए.

साल 2018 में थेल्मा की मौत को गई. तभी उनके किसी दोस्त ने उन्हें स्वेरलिन से मिलाया, जो विधवा थीं. दोनों ने मुलाकात की और फिर साथ रहने का प्लान बनाया. ऑपरेशन नॉर्मंडी के दौरान टेरेंस की कंपनी ने अपने 60 विमानों में से आधे खो दिए. उन्होंने जर्मन कैदियों और मित्र देशों की सेना को इंग्लैंड ले जाने में मदद की थी.