Masik Shivratr
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Masik Shivratri: मासिक शिवरात्रि पर बन रहे हैं दो शुभ योग, देखें पूजा-पाठ का समय

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Masik Shivratri

Masik Shivratri: हिन्दू धर्म में मार्गशीर्ष मास को अत्यंत पवित्र महीना माना जाता है। इस मास में पडऩे वाले सभी व्रत त्योहारों का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष अर्थात अगहन मास में 22 नवम्बर,(22 November) मंगलवार के दिन मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव (Bhagavaan Shiv) और मता पार्वती की विशेष पूजा का विधान है।

मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और दाम्पत्य जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। बता दें कि मासिक शिवरात्रि के दिन दो अत्यंत शुभ योग (Shubh yog) का निर्माण हो रहा है। माना जाता है कि इन शुभ योग में पूजा-पाठ करने से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है। 

मासिक शिवरात्रि पर बन रहा शुभ संयोग (Masik Shivratri Shubh Yog)
हिन्दू पंचांग के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह से शाम 06:38 तक सौभाग्य योग रहेगा। इसलिए जिन लोगों के लिए रात्रि पूजा सम्भव नहीं है, वह इस समय पूजा-पाठ कर सकते हैं। माना जाता है कि इस योग में पूजा-पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
इसके बाद शाम 06:38 से अगली सुबह 03:40 तक शोभन योग का निर्माण हो रहा है।

निशिता पूजा के लिए यह समय सबसे उत्तम है। इसके साथ शास्त्रों में भी बताया गया है कि शिवरात्रि के दिन भगवान की पूजा मध्य रात्रि में की जाती है। ऐसा करने से पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। निशिता काल में पूजा के लिए ज्योतिषाचार्य रात 11:41 से मध्यरात्रि 12:34 को सबसे उत्तम मुहूर्त बता रहे हैं।

मासिक शिवरात्रि का महत्व (Masik Shivratri Importance)
मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri ) पर मध्यरात्रि में पूजा-पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इसके साथ शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन व्रत का पालन करने से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। वहीं अविवाहित कन्याओं को योग्य वर मिलता है।

 

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