शराब माफिया न पनपे लिहाजा एक फर्म, ठेकेदार या कंपनी को महज 10 ठेके ही दिए जाने की सिफारिश
अर्थ प्रकाश/साजन शर्मा
चंडीगढ़,3 मार्च। चंडीगढ़ में शराब के दामों में प्रशासन ने 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। इस छह प्रतिशत की बढ़ोतरी से प्रशासन वित्तिय वर्ष 2021-22 में 700 करोड़ रुपये कमाएगा। एक्साइज एवं टैक्सेशन विभाग ने शराब के दामों में 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की सिफारिश की थी लेकिन बुधवार को पंजाब के राज्यपाल और यूटी के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने एडवाइजर मनोज परिदा, एक्साइज एंड टैक्सेशन के सचिव, एक्साइज टैक्सेशन कमीश्नर व अन्य सीनियर अफसरों की ओर से दी गई प्रेजेंटेशन के बाद 2021-22 के लिए एक्साइज पॉलिसी में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर नई पॉलिसी पर मोहर लगा दी। अधिकारियों के अनुसार पॉलिसी में उपभोक्ताओं, निर्माताओं, होलसेलरों, रिटेलरों के साथ साथ सरकार का भी ध्यान रखा गया है। यह अपने आप में बैलेंस्ड पॉलिसी है जिसमें ज्यादा भार नहीं बढ़ाया गया है। बता दें कि प्रशासन ने बीते साल की पॉलिसी में काऊ सैस लगाया था जिससे हुई आमदनी नगर निगम को देने का आदेश एक्साइज टैक्सेशन विभाग को दिया गया था।
एक्साइज पॉलिसी से प्रशासन ने इस वित्तिय वर्ष यानि 2021-22 में 700 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाने का लक्ष्य तय किया है। शहर में शराब के ठेकों (लीकर वैंड)की संखया भी 94 से 96 करने को मंजूरी दे दी गई है। यानि दो नए ठेके जल्द ही खोल दिये जाएंगे। शराब माफिया या गुटबंदी पर रोक लगाने के मकसद से तय किया गया है कि एक ठेकेदार, फर्म या कंपनी को अधिक से अधिक 10 ठेके ही नीलामी में अलॉट किये जाएंगे। इससे शराब माफिया या बिजनेस में गुटबंदी पनपने पर रोक लग सकेगी। ये अलॉटमेंट भी पूरी पारदर्शिता से की जाएगी जिसमें ई-टेंडरिंग सिस्टम का तरीका अपनाया जाएगा।
शराब इंडस्ट्री व ट्रेड में परमिट व पास के लिए पूरी तरह से ऑनलाइन सिस्टम लागू किया जाएगा। चंडीगढ़ में टूरिज्म व हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री को बूस्ट देने के लिए होटल, बार व रेस्टोरेंट की लाइसेंस फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। थ्री स्टार व फोर स्टार के साथ साथ फाइव स्टार व इसके ऊपर के स्टार होटलों में मिनी बॉर की सुविधा दे गई है। लो एल्कोहोलिक कंटेंट को प्रमोट करने के मकसद से बीयर की नई कैटेगरी जिसे सुपर माइल्ड बीयर जिसमें महज 3.5 प्रतिशत एल्कोहोल रहेगा इंट्रोड्यूस की गई है। सभी सुरक्षित मापदंड अपनाकर चंडीगढ़ की माइक्रोब्यूरिज 50 लीटर की क्षमता से बीयर बेच सकते हैं। इसके लिए माइक्रोब्यूरिज को लाइसेंस लेना होगा। ये माइक्रोब्यूरिज रेस्टोरेंट, बॉर में एक्साइज परमिट के जरिये से ड्रॉट बीयर बेच सकती हैं।
लाइसेंसी बीयर को बोटल, कैन या पाऊच में पैक नहीं करेगा बल्कि सीधे गिलासों में इसे उपभोक्ता को परोसना होगा। अहातों में एल्कोमीटर सुविधा जरूरी कर दी गई है। जो अहाता ऐसा नहीं करेगा उसके खिलाफ सखत कार्रवाई की जाएगी। लो एल्कोहोलिक कंटेट बीवरेज प्रमोट करने के मकसद से इंडियन वाइन इंडस्ट्री को बूस्ट दिया गया है। बीयर, वाइन बनाने वाली भारतीय कंपनियों के लिए लाइसेंस फीस व एक्साइज ड्यूटी में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। देसी शराब पर भी एक्साइज ड्यूटी नहीं बढ़ाई गई है। इंडियन मेड फोरेन लीकर पर 6 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है। यानि भारत में बनने वाली विदेशी शराब खरीदने पर लोगों को पहले से महंगी मिलेगी। इस शराब का बेसिक कोटा 100 लाख प्रति लीटर से बढ़ाकर 110 लाख प्रति लीटर कर दिया गया है। देसी शराब का बेसिक कोटा बढ़ाकर 8 लाख प्रति लीटर से 12 लाख प्रति लीटर कर दिया गया है।
इसी तरह बायो-ब्रॉंड व्हीस्की या फोरेन लीकर का बेसिक कोटा 3.30 लाख प्रति लीटर से बढ़ाकर 3.50 लाख प्रति लीटर कर दिया गया है। प्रशासन ने देसी शराब और इंडियन मेड फोरेन लीकर के कोटा को रेशनेलाइज किया है क्योंकि सिटी की शॉप्स और गांवों में इसकी मांग हो रही थी। स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए रिटेल लाइसेंसी को अपने परिसर व दुकान के आसपास पूर्ण स्वच्छता व हाइजीन रखना होगा। अगर ऐसा नहीं करते तो उनके ऊपर भारी पैनेल्टी लगाई जाएगी। शराब पर काऊ सैस लगना जारी रहेगा। इस नई एक्साइज पॉलिसी के तहत 2021-22 में कोई नया बॉटलिंग प्लांट शहर में लगाने को मंजूरी नहीं दी गई है।