The matter of shifting the grain market of Sector 26 to Sector 39

सेक्टर 26 की अनाज मंडी को सेक्टर 39 में ले जाने का मामला: बीते कई सालों से अटका पड़ा मंडी शिफ्ट करने का मसला

The matter of shifting the grain market of Sector 26 to Sector 39

The matter of shifting the grain market of Sector 26 to Sector 39

The matter of shifting the grain market of Sector 26 to Sector 39- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। सेक्टर 26 की अनाज मंडी को सेक्टर 39 में शिफ्ट करने का मसला बीते 20 साल से अटका पड़ा है। लाल फीताशाही की वजह से प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पा रहा है। प्रशासन मंडी शिफ्ट करने को लेकर कोई फाइनल फैसला नहीं ले पा रहा है। सेक्टर 39 में जहां मंडी की नई साइट है वहां से कजौली वाटर वक्र्स की पाइपलाइन गुजरती है। छह माह गुजरने के बाद भी प्रशासन यह फैसला नहीं कर पा रहा है कि इसको लेकर क्या हल निकालें।

अगस्त 2023 में प्रशासन के सामने यह बात आई थी कि कजौली वाटर वक्र्स की पाइपलाइन सेक्टर 39 में शिफ्ट होने वाली मंडी के बीच से गुजर रही हैं। प्रशासन की तरफ से 5 करोड़ की लागत में प्रपोजल बनाया गया कि पाइपलाइन को इस साइट से हटा दिया जाए। 2.4 एकड़ की अन्य वैकल्पिक साइट पर जमीन लेकर पार्किंग और टेंपरेरी शैड बना दिये जाएं। छह माह बीत जाने के बाद भी संबंधित अधिकारी इस पर कोई फैसला नहीं ले पाये हैं। यूटी प्रशासन के सीनियर अधिकारी के अनुसार चूंकि नये एडवाइजर ने हाल ही में ज्वाइन किया है लिहाजा संभावना है कि मसले का जल्द कोई हल निकल आएगा।

जल्द ही शिफ्ट होगी मंडी

सेक्रेट्री मंडी बोर्ड रूपेश कुमार का कहना है कि हम बड़े सक्रिय तौर पर मंडी को शिफ्ट करने की दिशा में काम कर रहे हैं। जल्द ही इस पर फैसला ले लिया जाएगा। कजौली वाटर वक्र्स पाइप लाइन का भी एक मसला है, जिसे अन्य इश्यू के साथ देखा जा रह है।

सेक्टर 39 ग्रेन मार्केट की प्लानिंग 2002 में हुई थी

यहां बता दें कि कजौली वाटर वक्र्स की ये पाइपलाइन वर्ष 1980 में डाली गई थी और इसके साथ ही पूरे चंडीगढ़ शहर को पानी देने का सिलसिला शुरू हुआ था। पहले की ड्राइंग्स के मुताबिक सेक्टर 39 मंडी के वेयरहाऊस और कोल्ड स्टोरेज साइट कजौली वाटर लाइन के ऊपर पड़ रही थी। सेक्टर 39 की ग्रेन मार्केट बनाने की प्लानिंग वर्ष 2002 में की गई थी ताकि सेक्टर 26 की भीड़भाड़ वाली मंडी से लोगों को निजात मिल सके। सेक्टर 26 की मंडी की एक्सपेंशन के लिये यहां जगह नहीं थी। बीते एक साल से चंडीगढ़ प्रशासन यहां 92 दुकानों की नीलामी की कोशिशों में जुटा है लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो पाया है।

20 साल में आढ़तियों को दुकानें अलॉट नहीं कर पाया प्रशासन

सेक्टर 26 आढ़तिया एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बृजमोहन ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि लाल फीताशाही की वजह से यह प्रोजेक्ट रुका पड़ा है। बीते 20 साल में प्रशासन आढ़तियों को दुकानें अलॉट नहीं कर पाया है। हमारी प्रशासन के संबंधित अफसरों के साथ 50 राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन वो हमें संतुष्ट नहीं कर पाये हैं। यूटी प्रशास ने वर्ष 1990 में 78 एकड़ जमीन दो करोड़ रुपये में ली थी। 34 साल का वक्त बीतने के बाद भी कोई नीति प्रशासन नहीं बना पाया है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन को पंजाब स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड (सेल एंड ट्रांसफर ऑफ प्लाट्स) रूल्स, 1961 के अनुसार साइट अलॉट करनी चाहिये। सेक्टर 39 में साइट अलॉटमेंट के बाद सेक्टर 26 मार्केट की चरणों में डी-नोटीफिकेशन जारी की जानी चाहिए।