The electricity connection has not yet been given to the high mast light installed by the tourism department long back at the entrance of the bus stand.

पर्यटन विभाग द्वारा बस अड्डे के प्रवेश द्वार पर काफी पहले लगाई गई हाई मास्ट लाइट पर अब तक नही दिया गया बिजली का कनेक्शन

The electricity connection has not yet been given to the high mast light installed by the tourism department long back at the entrance of the bus stand.

The electricity connection has not yet been given to the high mast light installed by the tourism de

कांगड़ा:पर्यटन के क्षेत्र में हिमाचल विकास के नए आयाम स्थापित करते हुए अग्रसर बढ़ रहा है। जिला को पर्यटन राजधनी बनाए जाने की दिशा में भी कई योजनाओं को मूर्त रुप देने के लिए कवायद शुरु हुई है, लेकिन अभी भी कई जगहाें पर क्षेत्र को विकसित किए जाने की योजनाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। ऐसा ही एक उदाहरण सामने है कांगड़ा के बस अड्डा परिसर के बाहर।

40 फुट ऊंची लगी लाइट

यहां पर पर्यटन विभाग द्वारा बस अड्डे के प्रवेश द्वार पर हाई मास्ट लाइट तो काफी समय पहले लगाई गई है लेकिन अभी तक इसमें बिजली का कनेक्शन ही नहीं दिया गया है। नतीजन आज भी यह हाई मास्ट लाइट पोल बिना रोशनी के सफेद हाथी बना हुआ है। इस पांच एलईडी ट्यूब से लेस 40 फुट से ऊंचे हाई मास्ट लाइट पोल की रोशनी इतनी ज्यादा होती है कि यह रात के समय कांगड़ा बस अड्डे को दूधिया रोशनी में नहला कर चकाचौंध कर सकता है।

सरकार का पैसा हो रहा व्यर्थ

बस अड्डे के प्रवेश द्वार के चौराहे पर होने की वजह से दूर-दूर तक अंधेरी सडक़ों को प्रकाशमय कर सकता है पर हालात तो यह है कि यहां पर पांच साल से यह पोल बिना बिजली कनेक्शन के ही खड़ा है। हाई मास्ट लाइट का कोई भी फायदा कांगड़ा बस अड्डे या सडक पर गुजरने वालों को नहीं मिल पा रहा है। हैरानी की बात यह है की पांच वर्षाें से संबंधित विभाग को क्या इसकी कोई भी खबर नहीं है या इसकी लागत का पैसा व्यर्थ ही जाएगा। विचित्र स्थिति यह भी है कि लाइट तो लगी है पर कनेक्शन देना किसी कि जिम्मेवारी है यह किसी को पता नहीं है।

मुझे रिकार्ड चेक करना पड़ेगा। वैसे इस तरह की हाई मास्ट लाइट पोल लाइट्स लगती तो पर्यटन विभाग की तरफ से ही हैं। लाइट से संबंधित नगर परिषद या पंचायत व अन्य को बजट दिया जाता है। मामले की जांच करेंगे।

विनय धीमान, जिला पर्यटन अधिकारी।