Temporary compost plant at the dumping ground is almost ready

डंपिंग ग्राउंड पर टेम्पोरेरी कम्पोस्ट प्लांट लगभग तैयार, दो सप्ताह बाद गीले कचरे से तैयार होने लगेगी खाद

Temporary compost plant at the dumping ground is almost ready

Temporary compost plant at the dumping ground is almost ready

Temporary compost plant at the dumping ground is almost ready- चंडीगढ़ (वीरेंद्र सिंह)। डंपिंग ग्राउंड का कचरा हटाने के उपरांत अब वहां जमा कचरे का उपयोग करने के लिए भी कार्य योजना तैयार कर ली गई है। क्योंकि डंपिंग ग्राउंड पर टेंपोरेरी कंपोस्ट प्लांट का शेड लगभग तैयार किया जा चुका है। केवल शेड की छत पर चद्दर लगाने का काम शेष है। शेड लगाने के लिए निगम ने 8 करोड़ रुपये का टेंडर कॉल किया था। इसमें केवल एक ही कंपनी आयी थी। इसकी नगर प्रशासन से अनुमति भी ले ली गई थी। 

एमसीसी को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) के निर्देशन पर गीले कचरे प्रोसेस करने का काम जरूरी था ताकि उसके जुर्माने से बचा जा सके। 

टेंडर की मंजूरी होने पर एमसी ने कंपनी से बातचीत की। कंपनी ने लगभग 7.50 करोड़ में काम करना भी आरंभ कर दिया है।

300 टन गीला कचरा होने लगेगा प्रोसेस

उल्लेखनीय है कि इस प्लांट से प्रतिदिन 300 टन गीला कचरा प्रोसेस होना शुरू हो जायेगा और इससे कम्पोस्ट खाद तैयार होने लगेगा। इसके अलावा डंपिंग ग्राउंड में भी कचरे का पहाड़ बनना भी बंद हो जायेगा। निकटवर्ती एरिया में लीचेट एंव गीले कचरे की  बदबू से लोगों को होने वाली परेशानी भी दूर हो जायेगी। बता दें कि एमसी की तरफ से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स को फॉलो करने के लिए डंपिंग ग्राउंड पर शेड में अस्थाई कम्पोस्ट प्लांट लगाया जा रहा है। शहर से प्रतिदिन 400 टन गीला वेस्ट निकलता है, जिसमें से एक सौ टन गारबेज प्रोसेसिंग यूनिट के साथ लगे कम्पोस्ट प्लांट में चला जाता है। शेष 300 टन गीला कचरा डंपिंग ग्राउंड पर ही जा रहा है। 

3-4 दिनों मे आ जायेंगी मशीनें

निगमायुक्त एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सुश्री अनिन्दिता मित्रा का मानना है कि उक्त शेड में कंपोस्ट तैयार करने वाली मशीनें भी आने लगी हैं। उनके अनुसार आगामी 17 फरवरी तक कुछ मशीनें आ जायेंगी। इनकी फिटिंग भी 7 दिनों के अंदर हो जायेगी। इसके बाद नगर निगम की ओर से टेंपोरेरी कम्पोस्ट प्लांट का 25-26 फरवरी तक शुरुआत भी कर दी जाने की योजना है। 

आसपास के लोगों को मिलेगी राहत

फिलहाल डंपिंग ग्राउंड की समस्या से परेशान इसके आसपास के लोगों को विगत कई सालों से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। इनमें चमड़ी का रोग, सांस लेने में कठिनाई और अन्य तमाम बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। किंतु उनकी आवाज को किसी न किसी बहाने दबा दिया जाता है। अब देखना है कि निगम इस पर कितनी गंभीरता दिखा कर उन्हें राहत दे पाता है। 

 

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