पौधों में भगवान स्वरूप को देखे जाने  ​की जरूरत : डॉ. उमर अली शाह 

God in plants

God in plants

( अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )

काकीनाडा: God in plants: (आंध्रा प्रदेश) जिले के पिठापुरम उगादि पर्व त्यौहार के उपलक्ष्य में श्री विश्व विज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठ के नौंवें पीठाधिपति डॉ. उमर अली शाह ने कहा कि पौधों में भगवान  स्वरूप देखे जाने  ​​की जरूरत है।  श्री क्रोधी नाम वर्ष के उगादि समारोह के तहत नए आश्रम के परिसर में  श्री विश्व विज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठ के तत्वावधान में आयोजित उगादि सभा के दौरान  डॉ. उमर अली शाह ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए कहा कि  आधुनिक यांत्रिक युग में आध्यात्मिक और दार्शनिक ज्ञान प्रदान करके शांति और सहिष्णुता नामक दो हथियार प्राप्त किए जा सकते हैं जिससे विध्वंसक युद्धों से बचा जा सकता है।  

इस अवसर पर डॉ. उमर अली शाह ने स्तवन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक भावना को अपनाकर, एकात्म  भावना को अपनाकर, दार्शनिक चिंतन की शक्ति से हिंसक माहौल से बचा जा सकता है।  यदि हर कोई एक वर्ष में 12 पौधे लगाए, तो हम अपने क्षेत्रों को सुंदर जंगलों में बदल सकते हैं। प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ सुरक्षा प्रणाली में विकसित होंगे और सभी समस्याओं का समाधान करेंगे।  डॉ. उमर अली शाह ने कहा कि आध्यात्मिकता वह है जो बुराई को दूर करती है और अच्छाई को प्रेरित करती है। 

 इस अवसर पर मद्रास विश्वविद्यालय, तेलुगु विभाग के अध्यक्ष आचार्य विस्ताली शंकर राव, एपी राज्य सरकार के पाठ्य पुस्तक संपादक श्री शेख बापूजी, पिठापुरम सरकारी स्कूल के तेलुगु पंडित श्री चिंदादा चिन्नोडु, ऑल इंडिया रेडियो के उद्घोषक रामभटला नृसिम्हा शर्मा ने सभा में उपस्थित लोगों को उगादि की विशिष्टता से अवगत कराया।  श्री यारामशेट्टी उमा महेश्वर राव ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया । 

उमर अलीशा ग्रामीण विकास ट्रस्ट के माध्यम से, डॉ. उमर अली शाह ने जरूरतमंद महिलाओं को तीन सिलाई मशीनें और जरूरतमंद महिलाओं और स्वयंसेवकों को पक्षियों को खिलाने के लिए अनाज प्रदान किए।  

  मद्रास विश्वविद्यालय के तेलुगु विभाग के अध्यक्ष विस्तालि शंकर राव ने कहा कि कवि शेखर डाॅ.  उमर अली शाह  ने अपने लेखन में कुछ श्लोक उद्धृत करते हुए कहा  कि महाभारत में कौरवों की नैतिकता और आध्यात्मिकता को बहुत अच्छी तरह से समझाया गया है।  श्री शेख बापूजी ने कहा कि उमर अली शाह की रचनाओं को स्कूली छात्रों के पाठ्यक्रम में शामिल करने से छात्रों को  उनकी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक चेतना और दार्शनिक चिंतन का प्रसार होगा।  श्री चिंदादा चिन्नोडु पिठापुरम सरकारी स्कूल के तेलुगु पंडित ने कहा कि उमर अली शाह  को एक बहु-प्रतिभाशाली विद्वान के रूप में जाना जाता है।  इस कार्यक्रम में पीठम के संयोजक श्री पेरुरी सूरीबाबू, केंद्रीय समिति के सदस्य श्री एनटीवी प्रसाद वर्मा, श्री एवीवी सत्यनारायण, डॉ ए राधाकृष्ण, मीडिया  संयोजक श्री भास्कर, तात्विक बाल विकास की छात्रा कुमारी सन्निबोयना उषा रानी और अन्य ने भाग लिया।