Taliban: तालिबान ने भारत-पाकिस्तान को दी सलाह; कहा- संघर्ष से रास्ता नहीं निकलता, बातचीत के जरिए समाधान होना चाहिए

तालिबान ने भारत-पाकिस्तान को दी सलाह; कहा- संघर्ष से रास्ता नहीं निकलता, बातचीत के जरिए समाधान होना चाहिए, लोग हैरान हुए

Taliban on Pahalgam Attack

Taliban Statement on India-Pakistan Tension over Pahalgam Terror Attack

Taliban on Pahalgam Attack: अफगानिस्तान की सत्ता पर जबरन कब्जा करने वाले तालिबान ने भारत और पाकिस्तान में पनपे तनाव को लेकर एक बयान जारी किया है। तालिबान ने भारत-पाकिस्तान को सलाह जारी करते हुए कहा है कि, संघर्ष से रास्ता नहीं निकलता है। बातचीत के जरिए समाधान होना चाहिए। यह बात तालिबान सरकार के कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने कही।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान की स्थिति पर अफगान विदेश मंत्री ने कहा, "हम क्षेत्रीय संघर्ष का समर्थन नहीं करते और मानते हैं कि सभी मुद्दों का समाधान बातचीत के जरिए होना चाहिए।" यानि खुद खून-खराबा कर अफगानिस्तान की सत्ता हथियाने वाला तालिबान कह रहा है हर चीज का हल बातचीत है। टकराव से रास्ता नहीं निकलता है। लोग भी तालिबान के ख्यालों से अचंभित हो रहे हैं।

तालिबान ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की

बता दें कि, पहलगाम आतंकी हमले के बाद हाल ही में अभी 28 अप्रैल को भारत-तालिबान सरकार के बीच एक और उच्चस्तरीय मुलाक़ात भी हुई थी। जबकि इससे पहले तालिबान सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी। तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया था कि, हम आतंकी हमले में जान गंवाने वालों के प्रति शोक जताते हुए हमले की कड़ी निंदा करते हैं।

Taliban Statement on India-Pakistan Tension over Pahalgam Terror Attack

भारत लगातार कर रहा अफगानिस्तान की मदद

तालिबान शासित अफगानिस्तान की मदद भारत लगातार कर रहा है। भारत की तरफ से अफगानिस्तान को खाने के लिए अनाज और जरूरी दवाइयों की मदद पहुंचाई जा रही है। वहीं अफगानिस्तान भी भारत की इस मदद को लेकर कृतज्ञता व्यक्त कर रहा है। भारत की मदद एक बड़ा कारण है कि, अफगानिस्तान के साथ हमारी स्थिति सही बनी है और वहां की तालिबान सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को सपोर्ट किया है।

2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा जमाया

तालिबान एक कट्टरपंथी इस्लामी समूह है जिसने साल 2021 में तख्तापलट करते हुए उस समय की सत्ता को उखाड़ फेंका और जबरन अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया। उस समय अफगानिस्तान के राष्ट्रपति को अपनी जान बचाकर वहां से भागना पड़ा। अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों को भी अमेरिका ने वापस बुला लिया। वहीं बड़ी संख्या में अमेरिकी हथियारों पर भी तालिबान के लड़ाकों ने कब्जा कर लिया।