आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang), 20 अगस्त 2025 : आज बुध प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

Aaj Ka Panchang 20 August 2025
आज यानी 20 अगस्त को भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस तिथि का समापन दोपहर 01 बजकर 58 मिनट पर होगा। इसके बाद त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। त्रयोदशी तिथि पर महादेव को समर्पित है। इस दिन प्रदोष व्रत किया जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से सभी भय से छुटकारा मिलता है और महादेव की कृपा प्राप्त होती है। इस बार प्रदोष व्रत के दिन कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में पूजा करने से साधक को पूजा करने का दोगुना फल मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 20 August 2025) के बारे में।
तिथि: कृष्ण द्वादशी
मास पूर्णिमांत: भाद्रपद
दिन: बुधवार
संवत्: 2082
तिथि: द्वादशी दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक, फिर त्रयोदशी
योग: सिद्धि सायं 06 बजकर 13 मिनट तक
करण: तैतिल दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक
करण: 21 अगस्त को गरज रात 01 बजकर 18 बजे मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 53 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 56 मिनट पर
चंद्रमा का उदय: 21 अगस्त को सुबह 03 बजकर 36 मिनट पर
चन्द्रास्त: सुबह 10 बजकर 47 मिनट पर
सूर्य राशि: सिंह
चंद्र राशि: मिथुन
पक्ष: कृष्ण
शुभ समय अवधि
अभिजीत मुहूर्त: कोई नहीं
अमृत काल: रात 10 बजकर 07 मिनट से 11 बजकर 40 मिनट तक
अशुभ समय अवधि
राहुकाल: दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से 02 बजकर 02 मिनट तक
गुलिकाल: प्रातः 10 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक
यमगण्ड: प्रातः 07 बजकर 31 मिनट से 09 बजकर 09 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव पुनर्वसु नक्षत्र में रहेंगे…
पुनर्वसु नक्षत्र: 21 अगस्त को रात 12 बजकर 27 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: ज्ञानवान, आशावादी, आत्मविश्वासी, आकर्षक, आध्यात्मिक, धार्मिक, संवाद में कुशल, बुद्धिमान, संतुलित, कल्पनाशील, दयालु और करुणामयी।
नक्षत्र स्वामी: बृहस्पति
राशि स्वामी: बुध और चंद्रमा
देवी: अदिति
प्रतीक: धनुष और तरकश
प्रदोष व्रत का महत्व
बुधवार के दिन आने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने वाला माना जाता है। प्रदोष काल, यानी सूर्यास्त के बाद का समय, शिव-पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय होता है। इस दिन भक्तजन व्रत रखकर और प्रदोषकाल में भगवान शिव का रुद्राभिषेक, मंत्रजप व दीपदान करते हैं।
मान्यता है कि बुध प्रदोष व्रत करने से बुद्धि और वाणी पर नियंत्रण मिलता है, व्यापार और व्यवसाय में सफलता मिलती है तथा संतान और परिवार सुखी रहते हैं। जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होता है, उनके लिए भी यह व्रत विशेष रूप से शुभ फलदायी माना जाता है।