सिद्धू पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख: कोई तरस नहीं... सरेंडर करने के लिए कुछ दिनों का मांगा था समय, कोर्ट ने कह दी यह बात

सिद्धू पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख: कोई तरस नहीं... सरेंडर करने के लिए कुछ दिनों का मांगा था समय, कोर्ट ने कह दी यह बात

Supreme Court refuses to give relief to Sidhu

Supreme Court refuses to give relief to Sidhu

Navjot Sidhu News : सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है| दरअसल, जहां पहले सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 34 साल पुराने एक रोडरेज केस में एक साल की सजा (सश्रम कारावास) सुना दी तो वहीं अब जब सिद्धू की ओर से सरेंडर करने के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कुछ दिनों का समय मांगा गया तो इससे सुप्रीम कोर्ट ने साफ इंकार कर दिया| मसलन, सिद्धू को अब कोई समय नहीं मिलेगा और उन्हें सरेंडर करना होगा| अगर सिद्धू खुद से सरेंडर करते हैं तो ठीक है वर्ना फिर उन्हें पुलिस गिरफ्तार करेगी| फिलहाल, सिद्धू पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर सकते हैं|

बतादें कि, रोड रेज का यह मामला साल 1988 का है| इस मामले को लेकर पीड़ित पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी| जिस पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही थी| पिछली कई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट से सिद्धू को राहत मिलती रही| लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू पर गाज गिरा दी|

गुरु ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई थी गुहार...

बतादें कि, नवजोत सिंह सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार भी लगाई थी कि इस मामले में पुनर्विचार याचिका को अब खारिज कर दिया जाये| गुरु ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा था कि मेरा सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ रोड रेज मामले (Road Rage Case) में पुनर्विचार याचिका खारिज करने का अनुरोध है| सिद्धू का कहना था इस मामले में अब यह पुनर्विचार याचिका विचारणीय नहीं है|

क्या है 1988 का वो पूरा मामला ....

बतादें कि, यह पूरा मामला दिसंबर 1988 का है। जब पटियाला में सिद्धू की सड़क पर एक बुजुर्ग से झड़प हो गई थी| बताया जाता है कि इस झड़प में मारपीट हुई और जिसके बाद उस बुजुर्ग शख्स की मौत हो गई| जहां, इस मामले में फिर पटियाला पुलिस ने सिद्धू के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। इस मामले में पहले निचली अदालत में सुनवाई चली| जहां से सिद्धू बरी हो गए|

लेकिन जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू तब भाजपा के अमृतसर से सांसद थे। सजा के बाद सिद्धू को इस्तीफा देना पड़ा था| साथ ही सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले का चुनौती दी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को बरी को कर दिया था लेकिन बाद में पीड़ित पक्ष ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सिद्धू की मुश्किलें फिर बढ़ा दीं और अब नतीजा यह रहा कि पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुना दी|

रोडरेज किसे कहते हैं?

वैसे तो आप रोडरेज का मतलब जानते होंगे लेकिन अगर नहीं जानते तो हम आपको बता दे रहे हैं| दरअसल, सड़क पर आए दिन घटने वाली रोष घटनाओं को रोड रेज़ कहते है। लोग सड़क पर जब लड़ाई-झगड़े पर उतर आते हैं, मार-पीट करने लगते हैं| तब इसे रोड रेज़ कहते हैं।