Spirituality is necessary for the all-round development of children

बच्चों के चहुमुखी विकास के लिए अध्यात्म जरुरी, अपने माता पिता की सेवा करने वाले बहुत ही भाग्यशाली होते हैं

Spirituality is necessary for the all-round development of children

Spirituality is necessary for the all-round development of children

Spirituality is necessary for the all-round development of children- चण्डीगढ़I सैक्टर 30 में स्थित सन्त निरंकारी सत्संग भवन में कल  देर शाम हुए एरिया सैक्टर 45 के निरंकारी बाल समागम के अवसर पर  सैकड़ों की संख्या में उपस्थित बच्चों युवाओं और बड़ों को चंडीगढ के संयोजक श्री नवनीत पाठक जी ने बच्चों के चहुमुखी विकास के लिए अध्यात्म को अति जरुरी बताते हुए माता पिता के आदर सत्कार व सेवा के जज्बे पर जोर दिया।

अपने माता पिता की सेवा के बारे में प्रेरित करते हुए कहा कि अपने माता पिता का कर्ज़ किसी भी सूरत में नहीं चुकाया जा सकता क्योंकि जन्म से ही माता-पिता द्वारा जो शिक्षाएं दी जाती हैं वो किसी अन्य के द्वारा नहीं दी जा सकती । हम चाहे बच्चे हैं या बड़े आज जो भी हमारी उपलब्धियां हें वह सब अपने माता-पिता की बदौलत होती है उनका भूल कर भी निरादर ना किया जाए। हर किसी को अपने माता-पिता की सेवा के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए। जो जो भी उनकी सेवा करते हैं वह बहुत ही भाग्यशाली होते हैं । 

सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के प्रवचनों को दोहराते हुए श्री पाठक जी ने कहा कि यदि घर में हमारे माता पिता बिमार हैं और उन्हें हमारी सेवाओं की जरूरत है या उनको हमारे समय की जरूरत है उसकी बजाए हम यदि अन्य कोई समाज कल्याण के कार्य कर रहे हैं तो उससे हमें कोई लाभ होने वाला नहीं क्योंकि अपने माता पिता की सेवा ही सर्वोतम मानी गई है । 

मां की महत्वता की चर्चा करते हुए पाठक जी ने कहा कि जो दुख.दर्द अपने बच्चों के प्रति मां के दिल में परमात्मा ने भरा होता है वह किसी अन्य के दिल में नहीं हो सकता क्योंकि मां के द्वारा अपने बच्चों की सेवा बिल्कुल निस्वार्थ भाव से की जाती है। इसलिए सभी गुरूओं ने यही कहा है कि मां का स्थान कोई भी नहीं ले सकता । 

इससे पूर्व इस समागम मे विभिन्न भाषाओे का सहारा लेते हुए 5 साल से लेकर 14 साल तक के बच्चों ने गीतों, कविता, स्कीट व नृत्य आदि द्वारा निरंकारी सतगुरु माता सुदिक्षा जी महाराज की शिक्षाओं को जीवन में धारण करने की प्रेरणा दी।

इस अवसर पर सैक्टर 45 ऐरिए के मुखी श्री एन के गुप्ता जी ने बच्चों द्वारा पेश की गई आईटम्ज की प्रशंसा की और सत्गुरू माता जी से यह अरदास की कि इन बच्चों को अपनी शरण में लगाए रखना ताकि ये अपनी पढ़ाई में पूरी लग्न से मेहनत करने के साथ साथ सत्संग सेवा सिमरन से भी जुड़े रहें और बड़े हो कर न केवल अपने माता पिता का नाम रोशन करें बल्कि देश की सेवा के लिए तैयार रहें ।