सोनू सूद की बढ़ी मुश्किलें, जानें किस मामले में जारी हुआ गिरफ्तारी का वारंट
BREAKING
अब ट्रंप को पीएम मोदी ने सीधे समझा दिया; दो टूक कहा- भारत कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता, फोन पर 35 मिनट तक चली बात ट्रंप ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख को प्राइवेट लंच पर बुलाया; व्हाइट हाउस के बंद कमरे में दोनों के बीच बैठक, भारत को आखिर क्या संकेत? हरियाणा यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बने निशित कटारिया; कांग्रेस ने प्रदेश और जिलास्तर पर पदाधिकारियों की घोषणा की, यहां पूरी लिस्ट हिमाचल में बड़ा हादसा; मंडी में यात्रियों से भरी बस खाई में गिरी, इतने लोगों की मौत, 20 यात्री घायल, कई गंभीर, अफरा-तफरी मची हरियाणा में IAS-HCS अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ी; सरकार ने अतिरिक्त चार्ज सौंपा, जानिए किस अफसर को क्या? देखिए लिस्ट

सोनू सूद की बढ़ी मुश्किलें, जानें किस मामले में जारी हुआ गिरफ्तारी का वारंट

Sonu Sood Arrest Warrent

Sonu Sood Arrest Warrent

लुधियाना (पंजाब): Sonu Sood Arrest Warrent: गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद कानूनी पचड़े में फंस गए हैं. पंजाब की एक अदालत ने धोखाधड़ी के मामले में बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. लुधियाना की न्यायिक मजिस्ट्रेट रमनप्रीत कौर ने वारंट जारी किया.

यह मामला लुधियाना के वकील राजेश खन्ना द्वारा मोहित शुक्ला नाम के व्यक्ति के खिलाफ दायर 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्हें नकली रिजिका कॉइन में निवेश करने के लिए लालच दिया गया था.

सोनू सूद को गवाही देने के लिए अदालत में बुलाया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए, जिसके कारण गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया. लुधियाना कोर्ट ने अपने आदेश में मुंबई के अंधेरी वेस्ट स्थित ओशिवारा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को सोनू सूद को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है.

आदेश में कहा गया है, 'सोनू सूद, (पुत्र, पत्नी, पुत्री) निवासी, घर संख्या 605/606 कैसाब्लैंक अपार्टमेंट को विधिवत समन या वारंट तामील किया गया है, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए (समन या वारंट की तामील से बचने के उद्देश्य से फरार हो गया और बाहर निकल गया). आपको आदेश दिया जाता है कि आप सोनू सूद को गिरफ्तार करें और कोर्ट के समक्ष पेश करें.'

आदेश में आगे लिखा गया है, 'आपको यह वारंट 10-02-2025 को या उससे पहले वापस करने का निर्देश दिया जाता है, जिसमें यह प्रमाणित किया गया हो कि यह किस दिन और किस तरीके से निष्पादित (एग्जीक्यूट) किया गया है, या इसका कारण क्या है कि इसे निष्पादित क्यों नहीं किया गया है.' मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को निर्धारित की गई है.