SMO frozen in Sector 33 health center for 22 years

22 साल से सेक्टर 33 के हेल्थ सेंटर में जमी हुई एसएमओ

SMO frozen in Sector 33 health center for 22 years

SMO frozen in Sector 33 health center for 22 years

हेल्थ सेक्रेट्री यशपाल गर्ग ने शनिवार दोपहर तीन डिस्पेंसरियों का किया औचक निरीक्षण

चंडीगढ़, 21 मई (साजन शर्मा) स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने शनिवार दोपहर को तीन हेल्थ व वैलनेस सेंटरों का औचक निरीक्षण किया। 22 साल से सेक्टर 33 की डिस्पेंसरी में जमी एसएमओ को तुरंत प्रभाव से जीएमएसच 16 में रिपोर्ट करने को कह दिया गया। यहां से उनका अगला तबादला होगा। उनकी एक्सपलानेशन भी कॉल की गई है। सेक्टर 33 की डिस्पेंसर में तैनात फार्मासिस्ट रोहिनी व अशोक कुमार की आउटसोर्स एजेंसी से तुरंत रिप्लेसमेंट मांगी गई।

यहां तैनात सीनियर मेडिकल अफसर को चेतावनी दी गई कि उसके सामने ही मल्टी टॉस्क कर्मचारी मरीजों को दवाएं दे रहा है। उनके अगले छह माह का कामकाज देखा जाएगा। सेक्टर 23 की डिस्पेंसरी में सो रहे कर्मचारी को तुरंत प्रभाव से रिप्लेस करने को एजेंसी को कहा गया है। यह भी पूछा गया कि सेक्टर 23 की डिस्पेंसरी में मौजूद एसएमओ की सेवाएं जीएमएसएच 16 या अन्य सिविल अस्पतालों में क्यों नहीं ली जा रही जबकि वहां सीनियर डॉक्टरों की जरूरत है।

बायोमीट्रिक अटेंडेंस में आधार कार्ड के आठ डिजिट दर्ज करने के सिस्टम में बदलाव की जरूरत बताई गई। केवल उंगली लगाकर अटेंडेंस वाला सिस्टम अपनाये जाने को कहा गया। उस अफसर से भी जवाब मांगा गया है जिसने हेल्थ सेक्रेट्री को कहा था कि 1 मई से सब डिस्पेंसरियों में बायोमीट्रिक सिस्टम शुरू हो चुका है। अगले तीन दिन में बायोमीट्रिक सिस्टम को लेकर डायरेक्टर हेल्थ को पूरा अपडेट देने का आदेश दिया गया। यशपाल गर्ग ने सख्त हिदायत दी कि अगर कोई अपनी बदली के लिए किसी प्रकार का प्रेशर बनायेगा तो इसे मिस कंडक्ट मानकर उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

ऐसे-ऐसे मामले सामने आए

दोपहर 1 बजकर पांच मिनट पर हेल्थ सेक्रेट्री सेक्टर 33 के हेल्थ सेंटर पहुंचे। यहां एसएमओ डॉ. रेनु अग्रवाल व आउटसोर्स कर्मचारी फार्मासिस्ट रोहिनी मेडिकल अफसर के चैंबर के सामने आपस में बतिया रहे थे। फार्मेसी काऊंटर पर दो महिला मरीजों को आउटसोर्स बेस पर लगा एमटीएस अशोक कुमार अटैंड कर रहा था। वह रजिस्टर में एंट्री कर उन्हें दे रहा था। एसएमओ व फार्मासिस्ट के सामने यह सब हो रहा था। जब फार्मासिस्ट से पूछा गया कि वह क्यों दवा नहीं दे रही तो बताया गया कि वह लंच के लिए निकली हैं।

यहां बता दें कि दोपहर 2 बजे इन सेंटरों में छुट्टी हो जाती है। यहां ये भी सामने आया कि सेंटर की इंचार्ज 22 साल से टिकी हैं जबकि उनकी एमओ से एसएमओ की प्रमोशन भी हो चुकी है। सेंटर में बायोमीट्रिक सिस्टम शनिवार को ही शुरू हुआ। दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर यशपाल गर्ग सेक्टर 23 के हेल्थ सेंटर पहुंचे। यहां डॉ. अनु व दो इंटर्न मौके पर मौजूद थे। इंचार्ज के तौर पर काम कर रही सीनियर मेडिकल अफसर छुट्टी पर बताई गई। मलेरिया प्रोग्राम के तहत आउटसोर्स पर काम कर रहा घनश्याम एक कमरे में बैंच पर गहरी नींद में सोया पड़ा था। इस सेंटर में बायोमीट्रिक सिस्टम लग तो गया लेकिन शुरू नहीं हुआ।

इसके बाद यशपाल गर्ग सेक्टर 11 की डिस्पेंसरी पहुंच गए। यहां तैनात मेडिकल अफसर डा. सोनालिका यादव 2004 से यहीं तैनात है। यहां दो स्टाफ क्वार्टर हैं जहां एक में ड्राइवर रहता है तो दूसरा खाली पड़ा है। मेडिकल अफसर के कमरे में साफ सफाई व सेनीटेशन के साथ छत लीक होने की समस्या पता चली। मेडिकल अफसर ने बताया कि डिस्पेंसरी में एमसी के सेनिटेशन कर्मचारी आसपास से कूड़ा लाकर गिराते हैं। इसका विरोध किया जाता है लेकिन फिर भी कर्मी नहीं मानते। डिस्पेंसरी में माली व चौकीदार भी नहीं है। यहां भी बायोमीट्रिक सिस्टम आज शनिवार से ही शुरू हो पाया है।