श्रीखंड कैलाश यात्रा इस बार 10 जुलाई से; शिव को पाने का बेहद खतरनाक रूट, बर्फीले-कटीले पहाड़ों से गुजरना पड़ता, सांसें अटक जातीं

Shrikhand Mahadev Kailash Yatra 2025 Date 10 July To 23 July Registration
Shrikhand Kailash Yatra 2025: हिमाचल में स्थित श्रीखंड महादेव कैलाश यात्रा को लेकर शिव भक्त काफी उत्साहित रहते हैं। लेकिन हर कोई यह यात्रा कर नहीं पाता। यह यात्रा भारत की सबसे कठिन और खतरनाक धार्मिक यात्रा में शुमार है। इस बार श्रीखंड कैलाश यात्रा 2025 10 जुलाई से शुरू होगी। यात्रा को लेकर डीसी कुल्लू एवं श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट के अध्यक्ष तोरुल एस. रवीश ने आधिकारिक तौर से इसकी जानकारी दी है। श्रीखंड कैलाश यात्रा 10 जुलाई से शुरू होकर 23 जुलाई तक चलेगी।
यानि प्रशासन की ओर से 10 जुलाई को श्रद्धालुओं का पहला जत्था श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए रवाना किया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालुओं का आखिरी जत्था 23 जुलाई को रवाना किया जाएगा। इस बार यात्रा को पांच सेक्टरों में बांटा जाएगा और यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। डीसी कुल्लू ने यात्रा की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में सभी प्रशासनिक अधिकारियों को अहम और कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यात्रा पर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के ध्यान के साथ उन्हें मूल सुविधाएं दी जाएंगी।
डीसी ने यह भी बताया कि आपदा के चलते यात्रा रूट के जो रास्ते क्षतिग्रस्त हुए हैं या खत्म हो गए हैं। उन रास्तों पर मुरम्मत कार्य चल रहा है। यात्रियों के ठहराव के सभी स्थानों पर कोई दिक्कत पेश न आए, इसके लिए करीब 14 दिन चलने वाली श्रीखंड महादेव यात्रा के लिए ट्रस्ट द्वारा सिंघगाड, थाचडू, कुनशा, भीम डवारी और पार्वती बाग में बेस कैंप स्थापित किए जाएंगे। इन कैंपों में सेक्टर मजिस्ट्रेटों और उनके साथ पुलिस अधिकारी, पर्वतारोही संस्थानों, जलशक्ति, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग आदि के लोगों की नियुक्ति की जाएगी। इन बेस कैंपों में विशेष रूप से मेडिकल स्टाफ, रेस्क्यू टीमें तैनात रहेंगी। कैंपो में खाना-पानी की सुविधा भी होगी।
श्रीखंड यात्रा के लिए 250 रुपये पंजीकरण शुल्क
श्रीखंड कैलाश यात्रा श्रद्धालु तभी कर सकते हैं। जब वह यात्रा के लिए पहले से अपना पंजीकरण करवाएंगे। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष और एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने कहा कि सभी श्रद्धालुओं को पंजीकरण करने के बाद ही यात्रा पर रवाना किया जाएगा। उनके स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल टीमें तैनात की जाएंगी। वहीं यात्रा पंजीकरण शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 250 रुपये का पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा। पंजीकरण ऑनलाइन होगा और इस संबंध में पंजीकरण पोर्टल को कुछ दिनों में चालू किया जाएगा।
शिव को पाने का बेहद खतरनाक रूट
श्रीखंड महादेव जमीन से हजारों फीट ऊपर बर्फीले-कटीले पहाड़ों पर स्थित हैं। शिव को पाने का यह बेहद खतरनाक रूट है। इन बर्फीले-कटीले पहाड़ों से जब गुजरना पड़ता पड़ता है तो सांसें अटक जातीं हैं। यात्रा के दौरान कई लोगों ने अपनी जान भी गवाई है। लेकिन शिव के मनमोहक द्र्श्य को देखने की ललक पांव पीछे नहीं घसीटने देती। ऊपर का नजारा वाकई बेहद प्रभावशाली है। सिर्फ तेज हवाओं की आवाज और सामने शिव। पूरा नजारा बेहद आनंददायक होता है। ऐसा लगता है कि वाकई महादेव यहां विराजमान हैं।