RBI will issue Monetary Policy Statement today; RBI Governor Shaktikanta Das
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RBI आज जारी करेगा Monetary Policy Statement, रेपो रेट में बदलाव को लेकर हो सकता है फैसला

RBI will issue Monetary Policy Statement today

RBI will issue Monetary Policy Statement today; RBI Governor Shaktikanta Das

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) शुक्रवार को अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति नीति की घोषणा करेगा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के बयान के बाद शुक्रवार यानी आज सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी. वित्तीय बाजार भागीदार बुधवार से शुरू हुई तीन दिवसीय द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक पर करीब से नजर रख रहे हैं।

इन बैठकों के दौरान, केंद्रीय बैंक ब्याज दरों, धन आपूर्ति, मुद्रास्फीति दृष्टिकोण और व्यापक आर्थिक रुझानों सहित विभिन्न आर्थिक संकेतकों पर विचार-विमर्श करता है। एसबीआई रिसर्च के मुताबिक, आरबीआई को मौजूदा प्रमुख रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार रखने की उम्मीद है। एसबीआई रिसर्च के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष द्वारा लिखित रिपोर्ट में मुद्रास्फीति में गिरावट की मौसमी प्रकृति के कारण ब्याज दरों में लंबे समय तक ठहराव का सुझाव दिया गया है।

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अप्रैल, जून और अगस्त में अपनी पिछली तीन बैठकों में आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा था। रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई अन्य बैंकों को ऋण देता है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल को भी उम्मीद है कि मौद्रिक नीति समिति अक्टूबर की बैठक में नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखेगी। क्रिसिल की अगस्त रिपोर्ट 'रेटव्यू - निकट अवधि दरों पर क्रिसिल का दृष्टिकोण' बताती है कि 2024 की शुरुआत में दर में 25 आधार अंकों की कटौती एक सशर्त संभावना है।

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रेपो रेट क्या है?
आपको बतादें कि जिस तरह आप अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से कर्ज लेते हैं और उसे एक निश्चित ब्याज के साथ चुकाते हैं, उसी तरह सार्वजनिक और वाणिज्यिक बैंकों को भी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज लेना पड़ता है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक जिस ब्याज दर पर बैंकों को कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है। रेपो रेट घटने पर आम आदमी को राहत मिलती है और जब रेपो रेट बढ़ता है तो आम आदमी की ब्याज दरें भी बढ़ जाती हैं।