Rajya Sabha Election- आखिर कैसे चुने जाते हैं राज्यसभा के सांसद, कौन करता है वोट? इस फॉर्मूले से आता है रिजल्ट

राज्यसभा चुनाव के लिए आज वोटिंग हो रही; आखिर कैसे चुने जाते हैं राज्यसभा के सांसद, कौन करता है वोट? इस फॉर्मूले से आता है रिजल्ट

Rajya Sabha Election 2024 Rajya Sabha Chunav Kaise Hota Hai

Rajya Sabha Election 2024 Rajya Sabha Chunav Kaise Hota Hai

Rajya Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश समेत तीन राज्यों में राज्यसभा चुनाव के लिए आज वोटिंग हो रही है। उत्तर प्रदेश की 10, कर्नाटक की 4 और हिमाचल की 1 राज्यसभा सीट के लिए वोट डाले जा रहे हैं। वहीं खास बात यह है कि तीनों ही राज्यों में क्रॉस वोटिंग का संशय बना हुआ है। खासकर यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ खेला होते हुए दिख रहा है। सपा के कुछ विधायक बीजेपी की तरफ झुकाव रखते हुए नजर आ रहे हैं और वो क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी को वोटिंग कर सकते हैं। बता दें कि, राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग शाम 4 बजे तक जारी रहेगी। जबकि शाम 5 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी।

15 राज्यों में राज्यसभा की 56 सीटें खाली

ध्यान रहे कि, 15 राज्यों में राज्यसभा की 56 सीटें खाली होने पर चुनाव आयोग ने पिछले महीने ही इन सभी 56 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी। इस चुनाव में 56 राज्यसभा सीटों पर नए सदस्य मिलने थे। लेकिन 12 राज्यों की 41 राज्यसभा सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और नई पार्टी में शामिल हुए अशोक चव्हाण और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और एल मुरुगन सहित 41 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं। जहां ऐसे में उत्तर प्रदेश की बाकी 10, कर्नाटक की 4 और हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक की 1 सीट समेत 15 सीटों पर मंगलवार सुबह 9 बजे से वोटिंग जारी है।

यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ खेला कैसे हो रहा?

यूपी में समाजवादी पार्टी क्रॉस वोटिंग का डर खुलकर सता रहा है। कहा जा रहा है कि, समाजवादी पार्टी के कम से कम 10 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और क्रॉस वोटिंग के लिए तैयार हैं। क्योंकि इससे पहले समाजवादी पार्टी ने जब कल विधायकों की बैठक बुलाई थी तो 8 विधायक वहां नहीं पहुंचे थे। ये विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। वहीं वोटिंग के बीच समाजवादी पार्टी के विधायक और नेता मनोज कुमार पांडे ने समाजवादी पार्टी विधान मंडल दल के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी का कहना है कि कांग्रेस के 2 विधायक INDIA गठबंधन के चलते समाजवादी पार्टी को वोट करेंगे।

उत्तर प्रदेश में 10 सीटें और 11 उम्मीदवार

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव तो 10 सीटों के लिए हो रहा है लेकिन यहां उम्मीदवार 11 हैं। दरअसल, सत्तारूढ़ बीजेपी और सपा के पास सात और तीन सदस्यों को राज्यसभा भेजने का आंकड़ा है। लेकिन बीजेपी ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में पूर्व सपा सदस्य और उद्योगपति संजय सेठ को मैदान में उतारकर पेंच फंसा दिया है। जहां सपा ने सपा ने अभिनेता-सांसद जया बच्चन, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और दलित नेता रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा है. तो वहीं बीजेपी ने संजय सेठ के अलावा आरपीएन सिंह, चौधरी तेजवीर सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, साधना सिंह, नवीन जैन और सुधांशु त्रिवेदी को मैदान में उतारा है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कि बीजेपी के पास अपने बहुमत से ज्यादा नंबर है। समाजवादी पार्टी को तीसरे उम्मीदवार  को खड़ा करने की जरूरत नहीं थी। क्योंकि हमारे सभी 8 उम्मीदवार जीतेंगे।

हमारे सभी 8 उम्मीदवार दिल्ली जा रहे

बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि बीजेपी के आठ उम्मीदवार हैं, सभी जीतकर दिल्ली जाने वाले हैं। जिनको डर था वे सुबह से ही गा रहे हैं कि बीजेपी ने उनके विधायकों को छीन लिया है। उन लोगों को अपने घर को संभालना नहीं आया। किसी पर आरोप लगाने से पहले ये भी देख ले कि आपके घर के सदस्य क्यों आपसे भागना चाहते हैं?...अखिलेश यादव को बहाना देने की आदत पड़ चुकी है। 2017 में बहाना दिया, 2019 में दिया और अब 2024 में भी एक और बहाना देंगे। वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) प्रमुख ओ.पी. राजभर ने राज्यसभा चुनाव पर कहा कि बीजेपी के आठों उम्मीदवार जीतेंगे। सभी सहयोगी दल साथ है। सपा की ओर से क्रॉस वोटिंग होगी, NDA को मजबूत करने के लिए लोग वोट देंगे।

अखिलेश यादव ने कहा- जो गड्ढे खोदते हैं वे खुद गिरते हैं

इधर, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्यसभा चुनाव पर कहा कि हमें उम्मीद है कि समाजवादी पार्टी के तीनों प्रत्याशी जीतेंगे। अखिलेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो दूसरों के लिए काटा बोते हैं या गड्ढे खोदते हैं वे खुद ही उसमें गिरते हैं। बीजेपी चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है। जिन्हें कुछ लाभ मिलना होगा वे बीजेपी की तरफ चले जाएंगे। वहीं राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की अटकलों पर समाजवादी पार्टी महासचिव शिवपाल यादव ने कह कि जो विधायक क्रॉस वोटिंग करेंगे वो समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर जीते थे। अगर ऐसा होता है तो आगे हमें भी देखना पड़ेगा।

हिमाचल में कांग्रेस के वोट एकजुट

हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने एक राज्यसभा सीट पर चुनाव के लिए अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया है- एहिमाचल में कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी ने अपनी कोर कमेटी के सदस्य हर्ष महाजन को मैदान में उतारा है। चुनाव में कांग्रेस के पास जहां 40 विधायकों के साथ स्पष्ट बहुमत है, वहीं बीजेपी के पास 25 सदस्य हैं। साथ ही तीन विधायक निर्दलीय हैं जिनमें से दो बीजेपी के बागी हैं। क्रॉस वोटिंग पर हिमाचल प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी ने राज्यसभा चुनाव पर कहा, "हमारे पास नंबर है, बीजेपी के पास नंबर नहीं है। कोई क्रॉस वोटिंग नहीं होगी। वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्यसभा चुनाव पर कहा कि सभी विधायकों ने मतदान किया है, मैं कह सकता हूं कि सबने पार्टी की विचारधारा पर वोट डाला है।

राज्यसभा का चुनाव कैसे होता है?

राज्यसभा का चुनाव कैसे होता है? आखिर कैसे राज्यसभा के सांसद चुने जाते हैं? आइये जानते हैं। दरअसल राज्यसभा के चुनाव में जनता वोटिंग नहीं करती है बल्कि जनता के चुने हुए विधायक इसमें हिस्सा लेते हैं। इसलिए इस चुनाव में जिस पार्टी के पास विधायकों की संख्या अधिक होती है उस पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार की जीत तय मानी जाती है। हालांकि, यहां ऐसा नहीं है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह जिस सदस्य को सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे, वह जीत जाएगा। राज्यसभा चुनाव के लिए विधायकों की वोटिंग के साथ एक फॉर्मूला भी तय है।

क्या है राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग का फॉर्मूला?

फॉर्मूला के हिसाब से किसी भी सीट से राज्यसभा सांसद बनने के लिए कितने वोटों की जरूरत होती है, यह पहले से तय होता है। इस फॉर्मूले के तहत एक विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या को 100 से गुणा किया जाता है। इसके बाद राज्य में जितनी राज्यसभा की सीटें हैं उसमें एक जोड़ कर भाग दिया जाता है. इसके बाद कुल संख्या में एक जोड़ा जाता है। फिर अंत में जो संख्या निकलती है, उतनी संख्या में विधायकों के वोट किसी उम्मीदवार को राज्यसभा सांसद बनने के लिए चाहिए होते हैं। मतलब अब किसी उम्मीदवार को जीतना है तो उसे सबसे ज्यादा वोट तो चाहिए ही, साथ ही ऊपर बताए गए फॉर्मूले के हिसाब से उसे कम से कम जरूरी वोट भी हासिल करने होते हैं।

राज्यसभा चुनाव के लिए फॉर्मूला

  • कुल विधायकों की संख्या/(राज्यसभा की सीटें+1)= +1

उदाहरण- यूपी में वैसे तो विधानसभा सीटों की संख्या 403 है, लेकिन मौजूदा समय में 4 सीटें खाली हैं, इसलिए 399 विधायक हैं। वहीं यूपी में 10 राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग हो रही है। इसमें 1 जोड़ा तो होता है 11। अब 399 से 11 का भाग दिया तो संख्या आई 36.272. जिसे 36 माना जाएगा। अब इसमें 1 जोड़ा तो संख्या आई 37। यानी राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 37 विधायकों के वोट की जरूरत होगी। राज्यसभा चुनाव के लिए सभी विधायक सभी उम्मीदवारों के लिए वोट नहीं करते हैं। एक विधायक एक ही बार वोट कर सकता है। उन्हें यह भी बताना पड़ता है कि उनकी पहली पसंद कौन है।

ऐसे समझिए

दरअसल राज्यसभा चुनाव में न तो गुप्त वोटिंग होती है और न ही इसमें ईवीएम का प्रयोग होता है। यहां वोटिंग की प्रक्रिया अन्य चुनाव से काफी अलग है। राज्यसभा चुनाव में भाग लेने वाले हर उम्मीदवारों के नाम के आगे एक से चार तक की संख्या लिखी होती है। किसी वोटर विधायक को अपनी वरीयता के आधार पर संख्या पर निशान लगाना होता है। फिर अपने मतपत्र को अपनी पार्टी के एजेंट को दिखाकर पेटी में डालते हैं। यह मतपत्र अपने पार्टी के एजेंट को न दिखाने पर अवैध हो जाता है। इसी तरह से अगर मतपत्र किसी दूसरी पार्टी के एजेंट को दिखाया जाए तो भी अवैध हो जाता है।

राज्य में राज्यसभा सीटें कैसे तय होती हैं?

ज्ञात रहे भारत में संसद के दो हिस्से हैं। लोकसभा और राज्यसभा। दोनों सदनों से कोई विधेयक पास होने के बाद ही राष्ट्रपति के पास जाता है। वहीं विधेयक पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद विधेयक कानून का रूप ले लेता है और पूरे देश में उसका पालन होने लगता है। बता दें कि राज्यसभा सीटों का आवंटन राज्य की जनसंख्या के आधार पर तय होता है। जिस राज्य में जितनी जनसंख्या है उस राज्य को उसी हिसाब से सीटें मिलती है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 31 राज्यसभा की सीटें हैं। राज्यसभा को संसद का उच्च सदन कहा जाता है। क्योंकि राज्यसभा एक स्थाई सदन है। यानी कि ये कभी भंग नहीं हो सकता है। इसके एक तिहाई सदस्य प्रत्येक दो वर्ष के बाद रिटायर होते हैं। राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल छह वर्ष का होता है। लोकसभा का कार्यकाल पांच वर्षों का होता है और वह अस्थाई सदन है।

राज्यसभा सीटों की संख्या

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्यसभा के कुल सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 तय की गई है। इनमें से 238 सदस्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से चुने जाते हैं. राज्यसभा के 12 सांसदों को राष्ट्रपति सरकार की सलाह पर मनोनीत करते हैं। ये देश के प्रतिष्ठित लोग होते हैं। फिलहाल राज्यसभा में सदस्यों की कुल संख्या 245 है। वहीं राज्यसभा के सदस्यों के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 30 साल तय की गई है. जबकि लोकसभा सदस्यों के लिए यह सीमा 25 साल है। राज्यसभा की जिन सीटों के लिए कार्यकाल पूरा होता जाता है, चुनाव आयोग वहाँ के लिए नए चुनाव की घोषणा करता है।