rain made life happy

बारिश ने जीना किया मुहाल

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Rain made life happy : इस बार का मानसून ऐसी यादें छोडकऱ जाएगा, जोकि बेशक एक समय बाद दिमागों से ओझल हो जाएं, लेकिन उनके निशान हमेशा बाकी रहेंगे। चाहे वह दक्षिण हो या उत्तर। पूर्व हो या पश्चिम पूरे देश में आसमानी आफत ने जनजीवन को मुश्किल हालात में डाला हुआ है। पहाड़ दरक रहे हैं, नदियों-नालों में और पानी समाने की जगह नहीं रही। जमीन धंस रही है, खेत और खलिहान डूब चुके हैं। गंगा जी ने इस बार अपने किनारों से कहीं आगे बढ़ते हुए ऐसा रौद्र रूप दिखाया है, जोकि पिछले अनेक वर्षों में नहीं दिखा। पंजाब और हरियाणा में पिछले तीन-चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है, हालात जल प्रलय जैसे हो गए हैं। हरियाणा की आर्थिक राजधानी गुरुग्राम में तो सडक़ गायब हो चुकी हैं, उन पर गाडिय़ां नहीं किश्तियां चल रही हैं। उत्तर प्रदेश हो या राजस्थान या मध्यप्रदेश हर जगह ऐसी आफत मची है कि उससे बच पाना मुश्किल हो रहा है। देश की राजधानी नई दिल्ली में बीते कई दिनों सराबोर है। देश के अनेक राज्यों में बाढ़ का संकट है। उत्तर प्रदेश के अनेक जिले बाढ़ की चपेट में हैं, इसी प्रकार राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी बाढ़ आई हुई है। यह सब काफी चिंताजनक है, लेकिन विवशता ऐसी है कि इसे रोका नहीं जा सकता। केवल इसके बारे में चर्चा ही की जा सकती है।

उत्तर पूर्वी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आसपास के हिस्सों पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। ट्रफ रेखा पूर्वोत्तर राजस्थान, उत्तर प्रदेश से होते हुए मध्य प्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, ओडिशा से बंगाल की उत्तर पश्चिमी खाड़ी तक जा रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने पूर्वानुमान जारी किया है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में अभी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। राजधानी दिल्ली में बेशक कुछ राहत मिलने के आसार हैं। हालांकि, पूरी तरह से मौसम अगले हफ्ते मंगलवार के बाद ही साफ होगा। मौसम वैज्ञानिकों ने कई राज्यों में अलर्ट भी जारी किया है।  मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस लगातार बारिश की वजह उत्तर पूर्वी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आसपास के हिस्सों पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनना एक वजह है। मौसम विभाग का यह भी कहना है कि निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर की ओर आगे बढ़ेगा, जिस कारण उत्तरी हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी उत्तर भारत में बारिश की रफ्तार बढ़ेगी।  इस बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सोमवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। राज्य में अलीगढ़, हाथरस, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद आदि में यह बारिश होगी। प्रदेश के अधिकतर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मानसून के विदा होने से पहले पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। लगातार बारिश से मौसम में ठंडक बढ़ गई है। शिमला, सिरमौर, कांगड़ा, चंबा और मंडी जिला के कुछ क्षेत्रों में रविवार को बाढ़ के हालात बने रहे, हिमाचल में 28 सितंबर तक मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान जताया गया है। इसी प्रकार उत्तराखंड में भी लगातार बारिश हो रही है। यहां अनेक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मौसम वैज्ञानिक भी पहाड़ से लेकर मैदान तक तीन दिन तक बारिश की संभावना जता रहे हैं। बहुत भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए सरकार, शासन और जिला प्रशासन के साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है। वैज्ञानिकों ने भारी बारिश के साथ ही बिजली गिरने की भी संभावना जताई है। उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार में बहुत भारी बारिश की आशंका है। इस बीच पंजाब के 16 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन स्थानों पर बिजली चमकने के साथ तेज हवाएं चलेंगी और साथ ही हल्की बारिश भी जारी रहेगी। राज्य में माझा के पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, दोआबा के होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला व जालंधर, मालवा के लुधियाना, बरनाला, मानसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला व एसएएस नगर में जमकर बारिश हो रही है।

हरियाणा के संदर्भ में बात करें तो राज्य में आसमानी आफत से हजारों एकड़ में खड़ी धान, बाजरा और ज्वार की फसल तबाह हो चुकी है। राज्य सरकार ने पहली अक्तूबर से धान की फसल की खरीद शुरू करने की घोषणा की हुई है। हालांकि किसान संगठनों ने समय से पहले फसल खरीद शुरू करने की मांग की थी, इसके लिए धरना-प्रदर्शन करते हुए रोड जाम किया गया। जिसके बाद सरकार और किसानों में सहमति बनी। यह भी गौर करने लायक है कि प्रदेश के अनेक जिले हैं, जहां पर हमेशा बरसाती पानी जमा रहता है, इसकी वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है। अब इस बारिश के बाद हालात और खराब हो जाएंगे। अब किसान सरकार से गिरदावरी करवा कर मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। विपक्ष की ओर से सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है कि वह किसान के हितों की सुरक्षा नहीं कर रही। किसानों की उम्मीद वह फसल होती है, जोकि उसके खेत में पकती है और उसे बेचकर वह बेटी की शादी करता है, घर बनाता है, बच्चों की शिक्षा पर खर्च करता है और तमाम अन्य खर्चों को पूरा करता है। अगर ऐसी मुश्किल घड़ी में सरकार भी उसके साथ खड़ी नहीं होगी तो यह निराशाजनक ही होगा।

हरियाणा सरकार को गुरुग्राम पर भी काम करने की जरूरत है। हर मानसून में यह शहर बारिश के पानी में डूब रहा है। यहां करोड़ों रुपये के आलीशान भवन बने हैं, वैश्विक कंपनियों के मुख्यालय हैं। अगर महाराष्ट्र में मुंबई है, कर्नाटक में बेंगलुरु है, वैसे ही हरियाणा में गुरुग्राम है। यह चिंता की बात है कि यहां बारिश का पानी जमा होकर ऐसी तबाही क्यों ला देता है। वैसे सरकार की ओर से करोड़ों रुपये इस कार्य के लिए रखे गए हैं। अब विपक्ष यही सवाल पूछ रहा है कि वह पैसा जा कहां रहा है। बारिश की रोकथाम संभव नहीं है लेकिन इसका निस्तारण और पानी का संरक्षण करके जहां भविष्य के लिए पानी की जरूरत पूरी की जा सकती है, वहीं अपने शहरों को बाढ़ ग्रसित होने से बचाया जा सकता है। बढ़ते कंक्रीट के जंगल के बीच बारिश के पानी के निस्तारण की योजना प्रमुखता से बिल्डिंग प्लान में बननी जरूरी है।