raid on construction company: यूपी में कई कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी, सपा नेता हैं मालिक

raid on construction company: यूपी में कई कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी, सपा नेता हैं मालिक

raid on construction company: यूपी में कई कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी

raid on construction company: यूपी में कई कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी, सपा नेता हैं माल

raid on construction company: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) नेताओं पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है. उत्तर प्रदेश की बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी घनाराम कंस्ट्रक्शन के ठिकानों पर बुधवार सुबह इनकम टैक्स की छापेमारी हुई है. झांसी, लखनऊ समेत कई ठिकानों पर इनकम टैक्स की टीम पहुंची है और दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं.

घनाराम कंस्ट्रक्शन, समाजवादी पार्टी के नेता श्याम सुंदर यादव और उनके भाई बिसन सिंह की है. झांसी में घनाराम कंस्ट्रक्शन का कॉर्पोरेट दफ्तर है. झांसी के सिविल लाइन स्थित दफ्तर और आवास पर इनकम टैक्स की टीम रेड कर रही है. इससे पहले सपा के पूर्व विधायक दीप नारायण यादव विजिलेंस की जांच के बाद अब श्याम सुंदर पर शिकंजा कसा गया है.

raid on construction company: कानपुर में राजेश यादव के घर के अंदर छापेमारी

फिलहाल कानपुर में राजेश यादव के घर के अंदर भी छापेमारी चल रही है और आयकर विभाग की तीन टीमें घर के अंदर दस्तावेज खंगालने में लगी हुई हैं. वहीं बाहर सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी तैनात है. घर का कोई भी सदस्य बाहर आते नहीं देखा गया है. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि छापेमारी के दौरान रियल एस्टेट कारोबारी राजेश अंदर हैं या नहीं.

कानपुर की इनकम टैक्स टीम ने झांसी शहर के 8 बड़े व्यवसायियों और बिल्डरों के आवास, कंपनी और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की है, जो बसेरा बिल्डर्स और घनाराम कंस्ट्रक्शन हैं. सपा नेता श्याम सुंदर सिंह यादव, बिल्डर वीरेंद्र राय, राकेश बघेल, विजय सरावगी समेत कई कारोबारियों पर आयकर विभाग की कार्रवाई जारी है.

raid on construction company: घनाराम इंफ्रा ने करोड़ों रुपये का नकद लेनदेन किया

सूत्रों के मुताबिक आरोप है कि घनाराम इंफ्रा ने करोड़ों रुपये का नकद लेनदेन किया. कंपनी द्वारा घरों और संपत्तियों को नकद में खरीदा और बेचा जाता था. माना जा रहा है कि यह छापेमारी 2-3 दिनों तक चलेगी.आरोप है कि यह कंपनी फर्जी ठेकों के जरिए काले धन को सफेद में बदल देती है. हाल ही में 300 करोड़ से अधिक की संपत्ति भी खरीदी गई है.