Punjab's security is most important, terrorist incidents will have to be curbed

पंजाब की सुरक्षा सबसे अहम, आतंकी वारदातों पर लगाना होगा अंकुश

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Punjab's security is most important, terrorist incidents will have to be curbed

Punjab's security is most important, terrorist incidents will have to be curbed: पंजाब में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के अलर्ट (intelligence agencies alert) के बावजूद अगर पुलिस परिसर (Police Complex) पर फिर  से आतंकी हमला (Terrorist attack) होता है तो यह बेहद चिंता की बात है और हालात के गंभीरतम होने का अहसास होता है। तरनतारन पाकिस्तान की सीमा से लगता इलाका है और राज्य में आतंकी गतिविधियों (Terrorist activities) के लगातार बढ़ते जाने की कड़ी में आरपीजी से हुए हमले को जोडकऱ देखा जाए तो परिस्थितियों के बेहद खराब होने से इनकार नहीं किया जा सकता। इस हमले में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है, यह गनीमत है, लेकिन इससे यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Terrorist Gurpatwant Singh Pannu) ने ली है। पन्नू वही आतंकी है जोकि कनाड़ा आदि में बैठकर पाकिस्तान के इशारे पर पंजाब में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिलवाने के साथ-साथ कभी पंजाब तो कभी हरियाणा और कभी हिमाचल प्रदेश में दीवारों पर खालिस्तान समर्थक (Supporter Khalistan) नारे लिखवाता है और कभी समाज के लोगों को जनमत संग्रह के नाम पर भडक़ाता है। जाहिर है, पंजाब सरकार के लिए यह अंतिम चेतावनी होनी चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार से आतंकियों के मंसूबे बढ़ते जा रहे हैं, उनसे हालात और बदतर हो सकते हैं।

इस हमले के बाद आतंकी पन्नू की ओर से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Man) को धमकी भी दी गई है। कहा गया है कि बेअंत सिंह की राह पर चलने पर उनका हश्र भी वैसा ही होगा। उसकी ओर से यह भी कहा गया है कि जालंधर के तलीफपुरा में 1947 में पाकिस्तान से उजडकऱ आए परिवारों को सरकार ने बेघर कर दिया, यह घटना उसका बदला है। आखिर इस तरह के आरोप और धमकियां देकर देश के बाहर बैठा कोई शख्स कैसे खुद को बचाए हुए है। पन्नू के खिलाफ पुलिस को केस दर्ज करते हुए उसे भारत लाए जाने की योजना बनानी चाहिए। यह सब धमकियां और आरोप महज ढकोसला है क्योंकि पाकिस्तान में आईएसआई (ISI) का नया चीफ भारत और पंजाब में नये सिरे से दहशत कायम करना चाहता है। पन्नू जैसे लोगों को वह अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहा है। गौरतलब है कि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (Khalistan Liberation Force) के आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा की पिछले दिनों पाकिस्तान में मौत की खबर आई थी, बाद में बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने रिंदा के जिंदा होने का दावा किया था। पंजाब में इस समय गैंगस्टर (Gangster) और आतंकियों की ओर से लगातार आपराधिक वारदातें अंजाम दी जा रही हैं, सरकार अपनी ओर से कड़ी कार्रवाई की बात कहती है लेकिन फिर एक नई वारदात का इंतजार होने लगता है।

अभी कुछ दिन पहले ही डीजीपी की ओर से एसटीफ चीफ, एडीजीपी इंटेलीजेंस सिक्योरिटी (ADGP Intelligence Security) व अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी, जिसमें कानून-व्यवस्था का मूल्यांकन (Assessment of law and order)  किया गया था, हालांकि इसके कुछ घंटों बाद ही आरपीजी से हमला हो गया। क्या यह माना जाए कि आतंकी पुलिस और राज्य सरकार को यह संदेश दे रहे हैं कि राज्य में जो वे चाहते हैं वह होगा और सरकार भी उन्हें नहीं रोक सकती। आम आदमी पार्टी की राज्य में यह पहली सरकार है, पंजाब देश का बॉर्डर राज्य है, यहां आजादी के बाद से ही हालात बेहद संवेदनशील रहे हैं और आतंकवाद का भीषण दौर (Worst of terrorism) भी इसने देखा है। खालिस्तान (Khalinstan) की सोच के लोग अब भी राज्य में हैं, जोकि ऐसे आतंकियों को प्रश्रय दे रहे हैं। इन हालात में क्या यह माना जा सकता है कि ऐसे लोगों पर पुलिस और सरकार भी कार्रवाई नहीं कर पाएगी? यह बात तो सभी स्वीकार करेंगे कि पुलिस विभाग को भी निर्देश की आवश्यकता होती है, उसे जिस प्रकार के निर्देश मिलेंगे वह उसी तरह काम करेगा। अब पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत बेअंत सिंह (Former Chief Minister Late Beant Singh) का नाम अगर याद किया जा रहा है तो यह इसलिए है क्योंकि पंजाब से आतंकवाद को खत्म करने का काम उन्होंने ही किया था। उन्होंने अपनी पुलिस फोर्स को इसकी खुली छूट दी थी, अगर उन्होंने कमजोर रूख रखा होता तो शायद पंजाब आज भी आतंक के जख्मों से कराह रहा होता।

अगर बीते सितंबर माह (September Month) से देखें तो लगातार ऐसी वारदातें घट रही हैं जिन्होंने राज्य में अमन और चैन को नष्ट कर दिया है। राज्य सरकार की ओर से दलील दी जा रही हैं कि आतंकी ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे घबरा गए हैं, बेतुकी बात नजर आती है। राज्य में रोजाना आपराधिक घटनाएं घट रही हैं, टारगेट कीलिंग हो रही हैं। राज्य में एक साल के अंदर 200 से ज्यादा ड्रोन आ चुके हैं। इनके माध्यम से हथियार और नशीले पदार्थों की खेप (Consignment of Drugs) भेजी जा रही है। लेकिन सरकार कह रही है कि आतंकी घबरा गए (The terrorists panicked) हैं। दरअसल आतंकियों को यह मैसेज मिल रहा है कि पंजाब में हालात असामान्य (Situation unusual in Punjab) हो गए हैं और अब अपने मंसूबे पूरे करना सही वक्त है। दरअसल, इन घटनाओं को केंद्र सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए, पंजाब महज पंजाब नहीं है, वह भारत की फस्र्ट लाइन और डिफेंस है। उसके हालात असामान्य होना पूरे देश के लिए चुनौतीपूर्ण (challenging) और असहज करने वाले हैं। जरूरत इसकी है कि पंजाब सरकार पंजाब की सुरक्षा व खुशहाली (Security and prosperity of Punjab), राज्य में बिगड़ते हालात को नियंत्रित करने के लिए हर संभव जत्न करे। इसके लिए राजनीति (Politics) नहीं होनी चाहिए और पक्ष-विपक्ष के सभी लोगों को साथ लेकर चलना होगा, क्योंकि पंजाब की सुरक्षा और खुशहाली पूरे देश के लिए अहम है। 

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