पंजाब सरकार का ऐतिहासिक कदम — पिछड़ी श्रेणियों के लिए पहली बार बनाए जा रहे 2 आधुनिक हॉस्टल, 1.12 करोड़ की पहली किश्त जारी: डॉ. बलजीत कौर

Historic step of Punjab Government
पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला में 200 विद्यार्थियों के लिए नए हॉस्टल — फंड जारी, निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा
चंडीगढ़, 8 अगस्त: Historic step of Punjab Government: सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज घोषणा की कि पंजाब में पहली बार पिछड़ी श्रेणियों के विद्यार्थियों के लिए दो आधुनिक हॉस्टल बनाए जा रहे हैं। इन दोनों हॉस्टलों के लिए 1.12 करोड़ रुपये की पहली किश्त को मंज़ूरी दे दी गई है, जो शीघ्र ही पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के खाते में भेजी जाएगी और इसके बाद निर्माण कार्य तुरंत शुरू कर दिया जाएगा। ये हॉस्टल पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला में लड़कों और लड़कियों के लिए 100-100 सीटों वाले होंगे तथा इनकी कुल लागत 6.99 करोड़ रुपये होगी।
इस संबंध में और जानकारी देते हुए डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि प्रत्येक हॉस्टल की लागत 3.49 करोड़ रुपये होगी। दोनों हॉस्टलों में विद्यार्थियों के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त कमरे, अध्ययन के लिए अनुकूल वातावरण और अन्य आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाएँगी, ताकि वे अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकें।
उन्होंने कहा कि यह योजना पिछड़ी श्रेणियों के विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल निर्माण की दिशा में पंजाब सरकार के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है। यह पहल दूर-दराज़ क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों को उचित आवास की सुविधा देकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने में आ रही बाधाओं को दूर करेगी।
अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार विद्यार्थी-केंद्रित विकास, आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण को लेकर पूर्णतः वचनबद्ध है। उन्होंने बताया कि हॉस्टलों की कमी के कारण कई पिछड़ी श्रेणियों के विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ता था, इसलिए सरकार द्वारा नए हॉस्टल परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
डॉ. बलजीत कौर ने यह भी जानकारी दी कि पंजाब सरकार द्वारा अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में भी नए हॉस्टलों के निर्माण के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं, ताकि राज्य भर के विद्यार्थियों को बेहतर आवास सुविधा प्रदान की जा सके।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना केवल बुनियादी ढांचे का विकास नहीं है, बल्कि पिछड़ी श्रेणियों के युवाओं को सामाजिक रूप से सशक्त बनाकर राज्य के विकास में भागीदार बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह पहल भविष्य में और अधिक छात्रहितकारी योजनाओं का मार्ग प्रशस्त करेंगी।