केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में ₹201 करोड़ की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया

Union Education Minister Virtually Laid the Foundation Stone
नई दिल्ली/बठिंडा, 29 जुलाई: Union Education Minister Virtually Laid the Foundation Stone: उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को वर्चुअल माध्यम से पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा में ₹200.99 करोड़ की लागत से विकसित की जाने वाली विभिन्न बुनियादी ढाँचा विकास परियोजनाओं का वर्चुअल माध्यम से शिलान्यास किया। यह कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की एक राष्ट्रव्यापी पहल का हिस्सा था, जिसके तहत देशभर के केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित उच्च शिक्षण संस्थानों में आधारभूत ढांचागत विकास की शुरुआत की जा रही है।
यह वर्चुअल शिलान्यास समारोह नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2025 (एबीएसएस-2025) के दौरान संपन्न हुआ, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की पांचवीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था। इस अवसर केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने श्री जयंत चौधरी, शिक्षा राज्य मंत्री एवं कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा डॉ. सुकांत मजूमदार, शिक्षा राज्य मंत्री एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास राज्य मंत्री की गरिमामयी उपस्थिति में इन आधारभूत परियोजनाओं का शिलान्यास किया। पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू पंजाब) के कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी भी दिल्ली में आयोजित समारोह में गणमान्य व्यक्तियों में शामिल हुए।
इस बीच सीयू पंजाब के मुख्य परिसर (घुद्दा गाँव, ज़िला बठिंडा) में एक औपचारिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहाँ प्रति कुलपति प्रो. किरण हजारिका के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों ने वर्चुअल समारोह के लाइव प्रसारण में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस कार्यक्रम के दौरान माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (हेफा) द्वारा वित्त पोषित निम्नलिखित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की वर्चुअल आधारशिला रखी:
· शैक्षणिक ब्लॉक – 20,642 वर्ग मीटर
· 600 सीटों वाला बालक छात्रावास – 9,733 वर्ग मीटर
· 400 सीटों वाला बालिका छात्रावास – 7,289 वर्ग मीटर
· 100 सीटों वाला अंतर्राष्ट्रीय छात्रावास – 2,355 वर्ग मीटर
· कुलपति आवास – 393 वर्ग मीटर
इनमें से विभिन्न इमारतों को गृह-IV मानकों के अनुरूप डिज़ाइन किया गया हैं, जिनमें पर्यावरण-अनुकूल, ऊर्जा-कुशल और टिकाऊ विकास की सुविधाएँ शामिल हैं—जैसे कि सेंसर-आधारित प्रकाश व्यवस्था, सौर ऊर्जा प्रणालियाँ, भूकंपरोधी संरचना, शून्य-अपशिष्ट जल प्रणाली, तथा दिव्यांगजनों के लिए पूर्णतः सुगम पहुँच।
सभा को संबोधित करते हुए माननीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय परिवार को नई अवसंरचना परियोजनाओं के शिलान्यास की शुभकामनाएँ दीं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के पाँच वर्ष पूर्ण होने पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा, "माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शिक्षा भारत की विकास यात्रा का केंद्रबिंदु बन चुकी है। एनईपी 2020 अब कक्षाओं, परिसरों और समुदायों तक पहुँच चुकी है, जिससे प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल, मूलभूत साक्षरता और समग्र शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं।“
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन में उच्च शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से बहु-विषयक शिक्षा, डिजिटल समावेशन, कौशल विकास और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित किया। साथ ही, उन्होंने ‘निपुण भारत मिशन’ जैसी पहलों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा गुणवत्ता में आए उल्लेखनीय सुधारों पर प्रकाश डाला और इस प्रगति को शिक्षकों, विद्यार्थियों, शैक्षणिक संस्थानों एवं राज्य सरकारों के सामूहिक सहयोग का परिणाम बताया।
कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान के दूरदर्शी नेतृत्व और उदार हेफा अनुदान हेतु आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हेफा अनुदान से मिलने वाला यह समर्थन पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय को शिक्षण, अनुसंधान और छात्र कल्याण की उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित विश्वस्तरीय संस्थान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
ये नवोन्मेषी परियोजनाएँ विश्वविद्यालय की क्षमता को व्यापक रूप से बढ़ाएँगी, जिससे अधिक संख्या में युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्रदान की जा सकेगी। साथ ही, यह पहल स्थिरता, नवाचार और समग्र विकास को बढ़ावा देकर सीयू पंजाब को देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों की श्रेणी में और अधिक मजबूती प्रदान करेगी।