नगर निगम ने नए वित्त वर्ष 2025 - 2026 में अभी तक रिकवर किया 47.86 करोड़ से ज्यादा का टैक्स

The Municipal Corporation has so far Recovered Tax
31 जुलाई तक टैक्स जमा कराकर उठाएं सरकार द्वारा दी गई छूट का लाभ
बकायाधारकों को पहले ही भेजे जा चुके हैं नोटिस:- सलोनी शर्मा, एडिशनल कमिश्नर
फरीदाबाद। दयाराम वशिष्ठ: The Municipal Corporation has so far Recovered Tax: निगमायुक्त धीरेंद्र खड़गटा के निर्देशों पर निगम की एडिशनल कमिश्नर सलोनी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि निगम क्षेत्र में चलने वाले काफी होटलों और शिक्षण संस्थाओं सहित जिन सभी व्यावसायिक इकाईयों पर टैक्स बकाया है उनसे टैक्स रिकवर करने के लिए निगम के सभी जॉन के क्षेत्रीय कर अधिकारी अपनी अपनी टीम के साथ टैक्स रिकवरी के लिए पहुंच रहे हैं, इस अभियान के अंतर्गत कुछ बकायादारों ने मौके पर ही टैक्स जमा कराया है।
नगर निगम ने अभी तक 47 करोड़ 86 लाख से ज्यादा का टैक्स रिकवर करने में सफलता प्राप्त की है। क्षेत्रीय कर अधिकारी और उनकी टीम लगातार इस दिशा में कार्य कर रही है उसी के परिणाम स्वरूप कल सोमवार के दिन भी लगभग 50 लाख से ज्यादा की राशि का प्रॉपर्टी टैक्स नगर निगम के खाते में जमा हुआ है।
अपील:-
निगम की एडिशनल कमिश्नर सलोनी शर्मा ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देशों पर निगम कमिश्नर धीरेंद्र खड़गटा के मार्गदर्शन में नगर निगम फरीदाबाद द्वारा टैक्स रिकवर किया जा रहा है यह टैक्स शहर के विकास में काम आता है।
नगर निगम की एडिशनल कमिश्नर सलोनी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर के सभी प्रॉपर्टी धारक यदि समय से अपना प्रॉपर्टी टैक्स नगर निगम को जमा कराएंगे तो निश्चित ही फरीदाबाद शहर का विकास भी तेज गति के साथ आगे बढ़ेगा।
क्षेत्रीय कर अधिकारियों द्वारा किए गए लगातार प्रयास से ही यह टैक्स रिकवर हुआ है उन्होंने सभी क्षेत्र कर अधिकारियों के कार्य की प्रशंसा की है।
इसके अलावा एडिशनल कमिश्नर सलोनी शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि निगम क्षेत्र की लगभग 66 कालोनियों के लोगों को दिक्कत आ रही थी बाउंड्री सुनिश्चित करने का कार्य जारी जल्द पूरा होगा काम,
किसी क्षेत्र में बसी हुई कॉलोनियों की सीमाओं को निर्धारित करना होता है ,यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि प्रत्येक कॉलोनी की सीमा स्पष्ट रूप से परिभाषित हो, ताकि विकास कार्यों और अन्य सुविधाओं के लिए योजना बनाने में आसानी हो।