कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने विभिन्न क्षेत्रों की कमेटियों के सलाह-मशवरे के साथ बनाई जाने वाली औद्योगिक नीति की योजना का किया उद्घाटन

Cabinet Minister Sanjeev Arora Inaugurated the Plan

Cabinet Minister Sanjeev Arora Inaugurated the Plan

चंडीगढ़, 17 जुलाईः Cabinet Minister Sanjeev Arora Inaugurated the Plan: पंजाब सरकार द्वारा एक नईं औद्योगिक नीति लाई जा रही है, जो भारत में सबसे बढ़िया होने के साथ-साथ पंजाब में औद्योगिक विकास और रोज़गार के मौके पैदा करने के लिए रास्ता साफ करेगी। कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा कि यह नीति विभिन्न उद्योगों के साथ व्यापक सलाह-मशवरे के बाद तैयार की जायेगी। 

पहले कदम के तौर पर पंजाब सरकार उद्योगों और सरकार के बीच एक ढांचागत और सहयोगी शमूलियत की मंजूरी देने के लिए क्षेत्र-विशेष कमेटियों को नोटीफाई करने के लिए तैयार है। यह कमेटियां नोटिफिकेशन की तारीख़ से 2 सालों की मियाद के लिए काम करेंगी, यह मियाद ज़रूरत पड़ने पर सरकार द्वारा बढ़ाई जा सकती है। 

क्षेत्रों की सूचीः-

1. टेक्स्टाईल- स्पिनिंग और बुनाई, परिधान निर्माण, रंगाई और फिनिशिंग
2. आई. टी. सेक्टर
3. खेलों/ चमड़े के सामान
4. मशीन टूल्स
5. साइकिल उद्योग
6. ऑटो और ऑटो कम्पोनेंट
7. भारी मशीनरी
8. इलेक्ट्रिक वाहन
9. नवीकरणीय ऊर्जा
10. फूड प्रोसेसिंग और डेयरी
11. इस्पात और रोलिंग मिलें
12. फर्नीचर और प्लाई उद्योग
13. प्लास्टिंग और रासायनिक उत्पाद
14. लॉजिस्टिक और वेयरहाऊसिंग
15. पर्यटन और आतिथ्य
16. फिल्म मीडिया
17. फार्मास्यूटीकल/ बायो- टैकनॉलॉजी
18. अस्पताल और स्वास्थ्य देखभाल
19. विश्वविद्यालय/ कोचिंग संस्थाएं
20. स्टार्ट अप
21. परचून
22. ई.एस.डी.एम. - इलेक्ट्रानिक सिस्टम डिज़ाइन और निर्माण

उन्होंने आगे बताया कि प्रत्येक कमेटी के लिए पहला काम सरकार को अपने सम्बन्धित क्षेत्र में पंजाब के मौजूदा औद्योगिक माहौल और पंजाब के विलक्षण ढांचे और वित्तीय उपलब्धता के मद्देनज़र नईं औद्योगिक नीति सम्बन्धी सिफ़ारिशों के बारे ढांचागत जानकारी प्रदान करना होगा। कमेटियों से उक्त कमेटियों के नोटिफिकेशन के 45 दिनों के अंदर लिखित रूप में यह सिफ़ारिशें जमा कराने की उम्मीद की जाती है। 

हरेक कमेटी में एक चेयरपर्सन और उद्योग से लगभग 8-10 मैंबर होंगे, जबकि ज़रूरत अनुसार सरकार द्वारा अन्य मैंबर शामिल किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैंबर आकार, पैमाने और भूगोल में अलग होंगे जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि विचार-विमर्श के दौरान सभी विचार पेश किये जाएँ। 


इसके इलावा, उन्होंने यह भी बताया कि हरेक कमेटी अपनी मीटिंगें/ चर्चा कर सकेगी और सचिवालय सहायता एक अतिरिक्त ज़िला कमिशनर द्वारा प्रदान की जायेगी, जो कमेटी के सचिव के तौर पर काम करेगा, आई एंड सी विभाग से एक जी.एम.डी.आई.सी. और पी.बी.आई.पी. से सम्बन्धित सैक्टर अधिकारी, जो ज़रूरत अनुसार सम्बन्धित डेटा और जानकारी के साथ कमेटी की सहायता कर सकता है। सरकार समय-समय पर उचित समझे जाने पर कमेटियों की मैंबरशिप और संदर्भ की शर्तों को सुधारने का अधिकार सुरक्षित रखती है।