Press panic button in case of emergency, police will reach within six minutes
BREAKING
78वां निरंकारी संत समागम - सत्य का संदेश देने का एक भव्य उत्सव, 31 अक्टूबर से 3 नवंबर, 2025 तक आयोजित होगा निरंकारी संत समागम लोगों की इस परेशानी को देखते हुए गांव के सरपंच मास्टर तुलाराम ने बस न रुकने की शिकायत की मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने नौवें सिख गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित ‘मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना’ का शुभारंभ किया अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में सी एम मान ने आर.टी.ओ. कार्यालय लगाया ताला अब 1076 डायल करने पर घर आ कर कार्य करेंगे आर टी ओ कर्मचारी मान सरकार के वादे की रफ्तार तेज़: 6 मेगा-प्रोजेक्ट्स से पंजाब बन रहा उत्तर भारत का टूरिज्म हब, PPP रोडमैप तैयार

आपातकाल में दबाएं पैनिक बटन, छह मिनट में पहुंचेगी पुलिस

Press panic button in case of emergency, police will reach within six minutes

Press panic button in case of emergency, police will reach within six minutes

Press panic button in case of emergency, police will reach within six minutes- चंडीगढ़। सार्वजनिक वाहन में सफर के दौरान आपातकाल हो तो पैनिक बटन का इस्तेमाल करें। पैनिक बटन दबाने के छह मिनट के भीतर पुलिस आप तक पहुंचेगी। इसी प्रकार पैनिक बटन के गलत इस्तेमाल से जेल भी हो सकती है।

यह जानकारी नुक्कड़ नाटक के जरिए परंपरा आर्ट्स थिएटर ग्रुप के कलाकारों ने दी। बस स्टैंड सेक्टर-17 और 43 में स्टेट ट्रांसपोर्ट आथोरिटी की तरफ से आयोजित नुक्कड़ नाटक में दिखाया गया कि पैनिक बटन इस्तेमाल के बाद संबंधित वाहन में क्या प्रतिक्रिया होगी।

वाहन के अंदर लगा अलर्ट बजने लगेगा और चालक को रुकना पड़ेगा। पैनिक बटन इस्तेमाल के बाद नजदीकी पुलिस बीट के कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंचेंगे और मामले का निपटान करेंगे। सेक्टर-18 स्थित स्टेट ट्रासंपोर्ट आथोरिटी में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित होने के बाद शहरवासियों को पैनिक बटन के प्रति जागरूक करने के लिए बुधवार को नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया।

शहर के पांच हजार से ज्यादा सार्वजनिक वाहन कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जुड़े हुए है। पैनिक बटन दबाने की सूचना कमांड सेंटर सेक्टर-18 में आने के साथ पुलिस हेल्पलाइन 112 पर जाएगी। पुलिस द्वारा मामले का निपटान करेगी। स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल में पीडि़त को अस्पताल जबकि अन्य मामले में निपटान तुरंत होगा।