President Draupadi Murmu gave a new direction to the development of Himachal in her 11-minute speech
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HPU के 26वें दीक्षा समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 11 मिनट के भाषण में ही हिमाचल के विकास को नई दिशा दी

President Draupadi Murmu gave a new direction to the development of Himachal in her 11-minute speech

President Draupadi Murmu gave a new direction to the development of Himachal in her 11-minute speech

शिमला:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पहाड़ की ठंड से लेकर प्राकृतिक सौंदर्य पर ग्लोबल वार्मिंग की पड़ रही मार का चिंतन करते हुए कैसे किसान व उद्यमी के विकास में विश्वविद्यालय योगदान दे सकता है, का मंत्र छात्रों, प्राध्यापकों व सरकार को दिया।

राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में शोध व तकनीक के माध्यम से खेती को बेहतर बनाया जा सकता है। इस दिशा में काम हो तो राज्य की खेती के साथ किसान का जीवन बदल सकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय में खुले उद्यमिता केंद्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि छात्रों को यहां पर उद्यमी बनने का प्रशिक्षण व प्रेरणा मिले तो वे हिमाचल ही नहीं, देश के विकास में भी महत्व दे सकते हैं।

छात्रों में राष्ट्र भावना जगाने के लिए उन्होंने संदेश दिया कि निजी विकास के साथ राष्ट्र के विकास को भी जोड़ें तो वे देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

हिमाचल ने देश को दिए हैं कई सैनिक'

राष्ट्रपति ने कहा कि हिमाचल तप, त्याग, अध्यात्म व धर्म की पावन भूमि है। इस धरती ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले अनगिनत वीरों को जन्म दिया है। महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रविंद्रनाथ टैगोर व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी इस भूमि से आकर्षित होकर यहां पर प्रवास के लिए आए थे।

'भाग्यशाली हो जो ऐसे माहौल में हासिल की शिक्षा'

विश्वविद्यालय के सुंदर कैंपस की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने छात्रों को कहा कि वे भाग्यशाली हैं जो ऐसे माहौल में पढ़ाई कर रहे हैं। अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य से समृद्ध शिमला में अध्ययन करना सभी छात्रों के लिए सुखद अनुभव रहा होगा। उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई दी। दीक्षा समारोह छात्रों, माता-पिता व शिक्षकों के लिए भी विशेष महत्व रखता है। उन्होंने विश्वविद्यालय के सभागार में सायं 4:10 बजे संबोधन शुरू किया और 4:21 बजे संपन्न हुआ। उन्होंने 10 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया।

'जब भी कहीं ठंड बढ़ती है तो कहते हैं यह तो शिमला बन गया'

उन्होंने कहा कि शिमला का भारतीय जनमानस के हृदय में विशेष स्थान है। देश के कई भागों में अचानक ठंड बढ़ने पर लोग अकसर कहते हैं किए यहां का मौसम शिमला की तरह हो गया है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण यहां के मौसम पर भी बदलाव की छाया है। विकास के लिए पर्यावरण का ध्यान रखने की भी आवश्यकता है।

दिव्यांग छात्रों को मुफ्त शिक्षा व हास्टल की प्रशंसा द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि अच्छा शैक्षिक संस्थान वह है, जहां प्रत्येक विद्यार्थी का स्वागत किया जाता है और उसके संपूर्ण विकास के लिए सुरक्षित और प्रेरणादायक वातावरण प्रदान किया जाता है। उन्होंने विश्वविद्यालय में दिव्यांग विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा और हास्टल की सुविधा देने की प्रशंसा की।

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