Oommen Chandy Former Kerala CM And Senior Congress Leader, Passes Away At 80

नहीं रहे केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, 80 साल की उम्र में बेंगलुरु में हुआ निधन

Oommen Chandy Former Kerala CM And Senior Congress Leader

Oommen Chandy Former Kerala CM And Senior Congress Leader, Passes Away At 80

तिरुवनंतपुरम, 18 जुलाई : केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता ओमन चांडी का लंबी बीमारी के कारण मंगलवार को तड़के 4.25 बजे बेंगलुरु के चिन्मय अस्पताल में निधन हो गया। वे 80 साल के थे। श्री चांडी के पुत्र चांडी ओम्मेन ने एक फेसबुक पोस्ट में अपने पिता के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, “अप्पा का निधन हो गया है।” पूर्व मुख्यमंत्री पिछले कई महीनों से बेंगलुरु में इलाज करा रहे थे।

श्री चांडी अपने पीछे पत्नी मरियम्मा उम्मेन, पुत्रियां अचू ओम्मन और मारिया ओम्मन और पुत्र चांडी ओम्मन को छोड़ गए हैं। दो बार मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य के लोगों की सेवा करने वाले श्री चांडी केरल में कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय चेहरा थे। विधायक के रूप में 50 साल पूरा करने वाले श्री चांडी 1970 से कोट्टायम जिले के अपने गृह नगर पुथुपल्ली सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

श्री चांडी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य और आंध्र प्रदेश के अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) प्रभारी के रूप में भी कार्य किया था। वह 1967-69 के दौरान सेंट जॉर्ज हाई स्कूल, पुथुपल्ली में केरल छात्र संघ (केएसयू) के इकाई अध्यक्ष और संगठन के राज्य अध्यक्ष भी रहे थे। साल 1970 में उन्हें राज्य युवा कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया।

श्री चांडी ने विश्वविद्यालय की प्रारंभिक पढ़ाई सी.एम.एस. कॉलेज, कोट्टायम से और सेंट बर्चमैन्स कॉलेज, चंगनास्सेरी से अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि हासिल की थी। उन्होंने एर्नाकुलम के सरकारी लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक की डिग्री (एलएलबी) भी हासिल की थी। वह 11 अप्रैल, 1977 से 25 अप्रैल, 1977 तक श्री के. करुणाकरण के शासनकाल में श्रम मंत्री रहे और 27 अक्टूबर, 1978 तक श्री ए.के. एंटनी के शासनकाल में उसी विभाग को संभालते रहे। अट्ठाइस दिसंबर, 1981 से 17 मार्च, 1982 तक श्री के करुणाकरण दूसरे शासनकाल में उन्होंने गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल। फिर वे 2 जुलाई, 1991 को श्री के. करुणाकरण के चौथे शासनकाल में मंत्री बने। इस दौरान उन्हें वित्त मंत्रालय का जिम्मा मिला था, लेकिन 22 जून 1994 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। साल 2004 में, लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के खराब प्रदर्शन और गुटीय राजनीति के कारण मुख्यमंत्री पद से श्री एंटनी के इस्तीफे के बाद श्री चांडी थोड़े समय (अगस्त 2004 से मई 2006) के लिए उनके उत्तराधिकारी बने।

श्री चांडी 12वीं केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। उनके नेतृत्व में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने 2009 के लोकसभा चुनाव में केरल की 20 संसदीय सीटों में से 16 पर जीत हासिल की। इसके बाद 2010 के स्थानीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया। केरल की राजनीति के इतिहास में, यह पहली बार था कि यूडीएफ को स्थानीय निकाय चुनावों में बढ़त मिली थी। श्री चांडी ने 2011 के विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से जीत हासिल की और दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ उम्मीदवारों ने एलडीएफ (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) के 68 के मुकाबले 72 सीटों पर जीत हासिल की थी।