Now a four-cornered contest on Chandigarh Lok Sabha seat

चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर अब चतुर्कोणीय मुकाबला, चंडीगढ़ लोकसभा सीट से अब भाजपा, कांग्रेस के अलावा शिरोमणि अकाली दल और बसपा ने भी उतारा अपना प्रत्याशी

Now a four-cornered contest on Chandigarh Lok Sabha seat

Now a four-cornered contest on Chandigarh Lok Sabha seat

Now a four-cornered contest on Chandigarh Lok Sabha seat- चंडीगढ़(साजन शर्मा)I चंडीगढ़ लोकसभा सीट से बसपा ने भी अब अपना उममीदवार उतार दिया है। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल का उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में कूद गया था। यानि अब इस सीट से चतुर्कोणीय मुकाबले के आसार हैं। बसपा ने चंडीगढ़ सीट से डा.रितु सिंह को प्रत्याशी बनाया है। चुनाव चतुर्कोणीय होने के चलते अब शिरोमणि अकाली दल भाजपा के वोट बैंक जबकि बसपा कांग्रेस-आप के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है। बसपा ने पूरे देश में इंडिया गठबंधन से अलग राह पकड़ी है।

भाजपा, कांग्रेस और बसपा तो राष्ट्रीय पार्टियां हैं जबकि शिरोमणि अकाली दल पंजाब और चंडीगढ़ में सक्रिय होने के साथ क्षेत्रीय पार्टी है। कभी भाजपा के पंजाब व चंडीगढ़ में स्वाभाविक सहयोगी रहे शिरोमणि अकाली दल ने इस बार हरदीप सिंह बुटरेला को चंडीगढ़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। यह पहली बार है कि इस लोकसभा सीट से शिरोमणि अकाली दल ने अपना प्रत्याशी उतारा है।

कृषि कानूनों के मुद्दे और इसके बाद उपजे किसान आंदोलन के चलते शिरोमणि अकाली दल ने इस बार पंजाब और चंडीगढ़ में अपनी जुदा राह पकड़ ली है। चंडीगढ़ के साथ सटते 22 गांव में शिरोमणि अकाली दल अच्छा खासा वोट बैंक खींच सकता है जिससे भाजपा को नुकसान स्वाभाविक है, हालांकि भाजपा को इससे क्या फर्क पड़ेगा यह भविष्य के गर्भ में है। शिरोमणि अकाली दल सिख व पंजाबी वोटों को ही अपनी ताकत बता रहा है। चंडीगढ़ से पहली बार कोई सिख उममीदवार लोकसभा चुनाव में उतरा है। वहीं बसपा का भी अनुसूचित जातियों में अच्छा खासा वोट बैंक रहता है। बसपा यहां से अच्छा खासा वोट बैंक खींच सकती है जिससे कालोनियों का वोट उस तरफ झुक सकता है। वैसे तो भाजपा और कांग्रेस दोनों को इसके नुकसान की संभावना है लेकिन कांग्रेस ज्यादा नुकसान में रह सकती है।

भाजपा के संजय टंडन और कांग्रेस-आप गठबंधन के मनीष तिवारी से शिअद के हरदीप सिंह बुटरेला और बसपा की रितु सिंह का मुकाबला होगा।