Next hearing in Bilkis Bano case to be held on May 9

बिलकिस बानो केस में 9 मई को होगी अगली सुनवाई, जानें क्या हुआ आज की सुनवाई में 

Next hearing in Bilkis Bano case to be held on May 9

Next hearing in Bilkis Bano case to be held on May 9

Next hearing in Bilkis Bano case to be held on May 9- बिलकिस बानो की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार की सुनवाई पूरी हो गई है। अगली सुनवाई 9 मई को होगी। केंद्र और गुजरात सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील ने कहा कि मुझे बानो की याचिका पर आपत्ति है। इस पर सुनवाई की तो यह तो भानुमती का पिटारा खोलने जैसा होगा।

बिलकिस ने अपनी याचिका में गुजरात सरकार पर अपने मामले के दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने 11 दोषियों को रिहा किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

मामले में पिछली सुनवाई 18 अप्रैल को हुई थी। इस दौरान जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने सरकार से दोषियों की रिहाई की वजह पूछी थी। कोर्ट ने कहा था- आज यह बिलकिस के साथ हुआ, कल किसी के साथ भी हो सकता है।

याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार से दोषियों को समय से पहले रिहाई देने से जुड़ी फाइलें पेश करने के लिए कहा था। कोर्ट ने कहा था कि अगर आप दोषियों को रिहा करने की वजह नहीं बताते हैं तो हम अपना निष्कर्ष निकालेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जहां एक गर्भवती महिला के साथ गैंगरेप किया गया और उसके सात रिश्तेदारों की हत्या कर दी गई। आप सेब की तुलना संतरे से कैसे कर सकते हैं? आप एक व्यक्ति की हत्या की तुलना सामूहिक हत्या से कैसे कर सकते हैं? यह एक समुदाय और समाज के खिलाफ अपराध है। हमारा मानना है कि आप अपनी शक्ति और विवेक का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए करें। दोषियों को रिहा करके आप क्या संदेश दे रहे हैं?

दोषी 15 अगस्त को हुए थे रिहा 

2002 में हुए गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो से रेप किया गया था और उनके परिवार के लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराया गया था। पिछले साल 15 अगस्त को गुजरात सरकार ने सभी दोषियों को जेल से रिहा कर दिया।

इसके बाद बिलकिस बानो ने 30 नवंबर 2022 को इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर की थी। इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली और ञ्जरूष्ट सांसद महुआ मोइत्रा ने मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की थी।

बिलकिस ने दाखिल की थीं दो याचिकाएं

बिलकिस बानो ने 30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की थीं। पहली याचिका में 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती देते हुए उन्हें तुरंत वापस जेल भेजने की मांग की थी। वहीं, दूसरी याचिका में कोर्ट के मई में दिए आदेश पर फिर से विचार करने की मांग की थी, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार करेगी। इस पर बिलकिस ने कहा कि जब केस का ट्रायल महाराष्ट्र में चला था, फिर गुजरात सरकार फैसला कैसे ले सकती है?

गोधरा कांड के बाद भडक़े दंगों में बिलकिस का गैंगरेप हुआ

गुजरात में गोधरा कांड के बाद 3 मार्च 2002 को दंगे भडक़े थे। दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में रंधिकपुर गांव में उग्र भीड़ बिलकिस बानो के घर में घुस गई। दंगाइयों से बचने के लिए बिलकिस अपने परिवार के साथ एक खेत में छिपी थीं। तब बिलकिस की उम्र 21 साल थी और वे 5 महीने की गर्भवती थीं।

दंगाइयों ने बिलकिस का गैंगरेप किया। उनकी मां और तीन और महिलाओं का भी रेप किया गया। इस दौरान हमलावरों ने बिलकिस के परिवार के 17 सदस्यों में से 7 लोगों की हत्या कर दी। वहीं, 6 लोग लापता हो गए, जो कभी नहीं मिले। हमले में सिर्फ बिलकिस, एक शख्स और तीन साल का बच्चा ही बचे थे।