दलित आईपीएस अधिकारी वाई. पुरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या पर एनसीएस सख्त, मुख्य सचिव व डीजीपी को नोटिस, 7 दिन में रिपोर्ट तलब
IPS Puran Suicide Case
चंडीगढ़, 9 अक्टूबर: IPS Puran Suicide Case: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ( एनसीएससी) ने दलित आईपीएस अधिकारी वाई. पुरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी किया है। आयोग ने दोनों अधिकारियों को सात दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट (एक्शन टेकन रिपोर्ट) सौंपने के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने यह कदम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उठाया है। इसके तहत एनसीएससी ने मामले की जांच और जांच-पड़ताल करने की घोषणा की है।
रिपोर्ट में मांगी गई विस्तृत जानकारी:
एनसीएससी ने अधिकारियों से जो जानकारियां मांगी हैं, उनमें शामिल हैं,
सभी आरोपियों के नाम
दर्ज एफआईआर नंबर, तारीख और लागू धाराएं,
अब तक की गई गिरफ्तारियों का विवरण
मृत अधिकारी के परिवार को दी गई मुआवजे की जानकारी
आयोग की चेतावनी:
एनसीएससी ने अपने नोटिस में स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय सीमा में रिपोर्ट प्राप्त नहीं होती है, तो आयोग अनुच्छेद 338 के अंतर्गत व्यक्तिगत उपस्थिति या प्रतिनिधि की उपस्थिति के लिए समन जारी कर सकता है।
सरकार पर बढ़ा दबाव:
वाई. पुरन कुमार की मौत के मामले में अनुसूचित जाति आयोग की सक्रियता से अब हरियाणा सरकार और पुलिस विभाग पर दबाव बढ़ गया है। यह मामला न केवल एक वरिष्ठ दलित अधिकारी की मौत से जुड़ा है, बल्कि यह व्यवस्थागत भेदभाव, कामकाजी परिस्थितियों और मानसिक स्वास्थ्य जैसे अहम मुद्दों को भी उजागर कर रहा है।
आगे देखना होगा कि क्या इस मामले में कोई आंतरिक जांच, आपराधिक मामला या प्रशासनिक कार्रवाई होती है। मृत अधिकारी के परिवार और समाज को न्याय दिलाने के लिए की एनसीएससी की भूमिका अब बेहद महत्वपूर्ण हो गई है।