नई दिल्ली: मुनिश्री तरुण सागर जी अब भले ही इस दुनिया में न रहे हों लेकिन उनके बोल, उनके प्रवचन सदैव इस दुनिया में रहेंगे और हमारे-आपके जीवन को कृतार्थ करते रहेंगे अर्थात हमारे जीवन को अच्छे विचारों से भरने के साथ उसे ज्ञानदायक, सुखदायक, अपीड़ादायक और मोक्षदायक बनाएंगे।
बतादेंकि, जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज को कड़वे प्रवचनों के लिए भी जाना जाता है।मुनि जी के कड़वे प्रवचनों में जीवन का सारा सार छुपा हुआ है।मुनि श्री ने कड़वे प्रवचन नाम की एक पुस्तक भी लिखी हुई है।अपने कड़वे प्रवचनों में उन्होंने विभिन्न प्रकार के व्याख्यान किये हुए हैं।जहां इसी क्रम में मुनि श्री ने आजकल के बच्चों पर भी कुछ लिखा है।मुनिश्री लिखते हैं कि आजकल बेवकूफ बच्चे पैदा होने बन्द हो गए हैं।
एक जगह प्रवचन देते हुए मुनिश्री तरुण सागर जी यह बता रहे हैं कि आजकल बड़े ही इंटेलिजेंस बच्चे पैदा हो रहे हैं।इतने इंटेलिजेंस की कभी उन जैसे संतो को भी आजकल के बच्चों के सवालों का जबाब देना मुश्किल पड़ जाता है।मुनिश्री तरुण सागर जी इंटेलिजेंस बच्चों के कई उदाहरण देते हुए बताते हैं कि एक बार वह एक जगह 15 दिन के लिए रुके हुए थे।16वें दिन उनको वहां से निकलना था।इसी दौरान उनके पास एक 5 साल का बच्चा आया और उनसे पूछा कि मुनि जी किसी का दिल दुखाने से क्या पाप लगता है जिस पर उन्होंने उससे कहा कि हां बेटे किसी का दिल दुखाओगे तो पाप जरूर लगेगा।इस पर बच्चा उनसे बोला कल तुम जाओगे, हमारा दिल दुखेगा, तुमको पाप लगेगा क्या।
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