फ्रीकी फायर (अनूठी आग) - पहली मैनेजमेंट कॉमिक्स के रोचक अंश - पैसा इच्छाओं को तो बदल सकता है लेकिन भावनाओं को नहीं।

फ्रीकी फायर (अनूठी आग) - पहली मैनेजमेंट कॉमिक्स के रोचक अंश - पैसा इच्छाओं को तो बदल सकता है लेकिन भावनाओं को नहीं।

Magical Moshy banner_5-Feb-2023

Moshy;s ability to see the invisible

तर्क एवं भावनाओं के बीच का संतुलन विवेक को जन्म देता है और विवेक ही सत्य को देखने में हमारी मदद करता है। लेकिन विवेक को पाना इतना आसान नहीं क्योंकि 'अहम्' एवं 'आकांशा' दो ऐसे रास्ते के पत्थर हैं जो विवेक तक हमें आसानी से नहीं पहुँचने देते।

मोशी ने गार्ड से पूछा चाय कैसी है? गार्ड मोशी के इस प्रश्न के लिए तैयार नहीं थे, वो थोड़ा सकपकाए और धीरे से मुस्करा कर बोले - हाँ सर, बढ़िया है! मोशी उनके कंधे पे हाँथ रखके बोले - एक कुल्हड़ मुझे भी पिलाइये ना! गार्ड बोले - क्या साब...?!  मोशी ने उन्हें भरोसा दिलाया - सही कह रहा हूँ, बहुत साल से मैंने कुल्हड़ की चाय नहीं पी, मंगाइये...मंगाइये! इसके साथ मोशी एक स्टूल पर बैठ गए। अब गार्ड को पूरा विश्वास हो गया कि ये एक अमीर आदमी सही में मेरे साथ चाय पीना चाहते हैं। गार्ड तेज़ी से बाहर दौड़ कर गए और एक कुल्हड़ गर्मा गर्म चाय लेकर बड़े अदब से मोशी को दिया। मोशी से गार्ड से पारिवारिक बात करते हुए चाय की चुस्कियां भर ही रहे थे कि विशि की कई कॉल आ गयीं। अब मोशी भी थोड़ा घबरा गए और उन्होंने फ़ोन ले लिया और जैसे ही उन्होंने फ़ोन कान पर लगाया उधर से विशि की धारा प्रवाह थोड़ी घबराई सी आवाज़ आई - मोशी आप कहाँ हैं? मैं कितनी देर से आपसे बात करने की कोशिश कर रहा हूँ? ओके...ओके...मैं किसी के साथ बैठा हूँ, क्या हुआ? इतना घबराए हुए क्यों हो विशि? मोशी ने इस तरह से बात की जैसे कि कुछ हुआ ही ना हो। यहाँ भूमि सिंह काफी देर से बैठे हुए हैं और आपकी राह देख रहे हैं। आप मीटिंग फिक्स करके कहाँ गायब हो गए? - विशि ने एक सांस में सब बोल दिया। मोशी ने धीरे से उत्तर दिया - लेकिन विशि मैंने कोई समय नहीं दिया था! भूमि अपने से आ गए हैं और झूठ बोल रहे हैं। चलो आता हूँ - मोशी ने उत्तर दिया।

मोशी ने बची हुई चाय जलदी से ख़त्म की और गार्ड को सौ रूपए दिए। गार्ड थोड़े संकोच के साथ पैसे वापस करने की ज़िद करने लगे लेकिन मोशी ने पैसे उनकी कमीज के ऊपरवाले जेब में रख दिया और तेज़ी से गार्ड रूम से बाहर चले गए। मोशी लेकिन फिर से धीरे-धीरे चहलकदमी करते हुए चलने लगे। उनका जलदी से ऑफिस पहुँचने का कोई इरादा नहीं है, क्योंकि उन्हें भूमि के इस झूठ में कुछ षड़यंत्र की बू आ रही थी। तभी उन्हें एक सायकिल रिक्शा आता दिखा और मोशी उछलकर रिक्शे में बैठ गए। मोशी के अनुसार सायकिल रिक्शा धीरे चलेगा और इससे उनका उद्देश्य ऑफिस देर से पहुँचने का पूरा हो जाएगा।