विधायकों को न मिले कोई भी पेंशन: अभय चौटाला

विधायकों को न मिले कोई भी पेंशन: अभय चौटाला

विधायकों को न मिले कोई भी पेंशन: अभय चौटाला

विधायकों को न मिले कोई भी पेंशन: अभय चौटाला

जनता पेंशन के लिए नहीं सेवा के लिए बनाती है विधायक 
केजरीवाल पहले दिल्ली में लागू करें पंजाब का फैसला
एसवाईएल पर गंभीर नहीं हरियाणा सरकार

चंडीगढ़, 16 अप्रैल। इनेलो प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि विधायकों को कोई पेंशन नहीं मिलनी चाहिए। जनता पेंशन लेने के लिए विधायक नहीं बनाती बल्कि लोगों की सेवा करने के लिए विधायक बनाती है। बतौर विधायक इतनी सुविधाएं दी जाती हैं तो फिर पेंशन किस बात की। जनता इसलिए विधायक चुन कर विधानसभा भेजती है ताकि हम उनकी दिक्कतों और कठिनाइयों का सरकार और अधिकारियों से बातचीत कर उनका समाधान करवाएं न कि हर बार विधानसभा में खड़े होकर-तरह तरह के भत्तों की मांग करें। 
शनिवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में अभय चौटाला ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा अभी तक जो घोषणाएं की हैं, उन्हें पूरा करने के लिए सार्थक प्रयास नहीं किए जा रहे। उन पर कोई काम नहीं हुआ है। पंजाब की आप सरकार अगर जनता से किए वायदे पूरे करती है तो हम स्वागत करेंगे।
विधायकों की पेंशन पर आप के स्टेंड पर इनेलो नेता ने कहा कि केजरीवाल की करनी और कथनी में बहुत अंतर है। केजरीवाल स्वयं तो आईआरएस की पेंशन अलग से ले रहे हैं और विधायकी की अलग से। वैसे भी दिल्ली में विधायकों को सबसे ज्यादा पेंशन और भत्ते मिल रहे हंै। दिल्ली में केजरीवाल सरकार कई बार विधायकों के भत्ते बढ़ा चुकी है। 
अभय चौटाला ने कहा कि कुश्ती, निशानेबाजी और तीरंदाजी खेलों को राष्ट्रमंडल खेलों में दोबारा जोडऩे के लिए सीएम हरियाणा को खेल मंत्रालय और केंद्र से बातचीत करके मजबूती से पक्ष रखना चाहिए। उन्होंने कहा वह ओलंपिक संघ समेत खेल जगत की अलग-अलग एसोसिएशन से इन तीनों खेलों को वापिस शामिल करने के लिए बातचीत की है।
गेहूं पर 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की मांग करते हुए अभय चौटाला ने कहा कि समय से पहले तापमान ज्यादा बढऩे की वजह से पहले ज्यादा होने से गेहूं और जौ की फसल में प्रति एकड़ 20 से 30 मन का नुकसान हुआ है। सरसों की फसल के खऱाबे का भी किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए।
एसवाईएल पर सरकार को घेरते हुए अभय चौटाला ने कहा कि विधानसभा में विशेष सत्र में सीएम मनोहर लाल ने पीएम से मुलाकात का आश्वासन दिया था। अभी तक सरकार की तरफ से इस तरह की मुलाकात का कोई संदेश नहीं है। एसवाईएल का फैसला 2016 में हरियाणा के हक में आ चुका है लेकिन सरकार ने इसको लेकर कोई गम्भीरता नहीं दिखाई है।