Mandi Board clerk fined Rs 10,000

मंडी बोर्ड के क्लर्क पर 10,000 रुपये का जुर्माना, देखें क्यों हुई कार्रवाई

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Mandi Board clerk fined Rs 10,000

Mandi Board clerk fined Rs 10,000 : चंडीगढ़। ऑटो अपील सिस्टम (ए.ए.एस.) हरियाणा में सुशासन (Good Governance in Haryana) सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस समय प्रदेश में 640 सेवाओं व योजनाओं को हरियाणा सेवा का अधिकार (Haryana Right to Service) अधिनियम, 2014 के तहत अधिसूचित किया गया है। इससे आमजन को समयबद्ध ढंग से कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने लगा है। इसी क्रम में, जिला रोहतक निवासी अपीलकर्ता सुश्री सविता की ओर से आयोग में स्वत: अपील दायर हो गई। अपीलकर्ता ने दिसंबर, 2021 में ‘मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना’ के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे यह कहते हुए लाभ नहीं दिया गया कि मामले में कुछ कानूनी कार्रवाई निहित है।

अतिरिक्त जिला अटार्नी को भेजी थी गलत तरीके से फाइल / The file was wrongly sent to the Additional District Attorney

आयोग ने मामले का तत्काल संज्ञान लिया और विस्तृत जांच के बाद यह पाया गया कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (Haryana State Agricultural Marketing Board) के सचिव द्वारा अतिरिक्त जिला अटार्नी को गलत तरीके से फाइल भेजी गई थी, क्योंकि मामले में कोई कानूनी मुद्दा निहित नहीं था। ‘मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना’ (Chief Minister Farmers and Agricultural Laborers Life Security Scheme) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal)  द्वारा, कृषि कार्यों के दौरान दुर्घटना का शिकार हुए किसानों व मजदूरों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष 2013 में शुरू की गई थी। योजना के तहत विभिन्न परिस्थितियों में वित्तीय सहायता की सीमा मृत्यु के मामले में 5 लाख रुपये, रीढ़ की हड्डी टूटने के कारण स्थायी अशक्तता के मामले में  ढाई लाख रुपये, दो अंगों के विच्छेदन या स्थायी गंभीर चोट के मामले में 1,87,500 रुपये, एक अंग के विच्छेदन या स्थायी गंभीर चोट जैसे कि चार अंगुलियों के विच्छेदन के मामले में 1,25,000 रुपये, उंगली के पूर्ण विच्छेदन पर 75,000 रुपये तथा आंशिक विच्छेदन के मामले में 37,500 रुपये की राशि देने का प्रावधान है।

30 कार्य दिवसों में समाधान न होने पर एस.जी.आर.ए. को भेेज दी जाती है अपील / If there is no resolution within 30 working days, S.G.R.A. Appeal is sent to

ऑटो अपील सिस्टम (Auto Appeal System) , अधिसूचित सेवा के लिए आयोग द्वारा निर्धारित समय-सीमा का उल्लंघन होते ही नागरिक की ओर से एफ.जी.आर.ए. को स्वत: अपील दायर कर देता है। 30 कार्य दिवसों के भीतर समाधान न होने पर बाद में अपील एस.जी.आर.ए. को भेेज दी जाती है। जब एफ.जी.आर.ए. और एस.जी.आर.ए. द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई तो आयोग ने विस्तृत जांच की और यह पाया गया कि एच.एस.ए.एम.बी. के सचिव द्वारा फाइल गलत तरीके से अतिरिक्त जिला अटार्नी आशीष शर्मा (Additional District Attorney Ashish Sharma) को भेजी गई थी क्योंकि मामले में कोई कानूनी मुद्दा शामिल नहीं था। सचिव, एच.एस.ए.एम.बी., रोहतक के कार्यालय में लिपिक गुरदीप ने फाइल को ढाई महीने तक अपने पास लंबित रखा। उन्हें एक नोटिस जारी किया गया था परंतु सुनवाई के दौरान वे उनके कारण हुई देरी के लिए उचित कारण नहीं बता सके। इस प्रकार, आयोग ने हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 की धारा 17(1)(एच) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए क्लर्क गुरदीप पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया।

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