Liquor contractors took to the streets against the excise policy

एक्साइज पालिसी के खिलाफ शराब ठेकेदार उतरे सड़कों पर

Liquor contractors took to the streets against the excise policy

Liquor contractors took to the streets against the excise policy

एक्साइज पालिसी के खिलाफ शराब ठेकेदार उतरे सड़कों पर

सेक्टर-69 एक्साइज विभाग की इमारत के बाहर किया प्रदर्शन

मोहाली। सरकार द्वारा बनाई गई नई एक्साइज पालिसी के विरोध में मंगलवार को पंजाब भर से आए शराब के ठेकेदारों द्वारा सेक्टर 69 स्थित एक्साइज विभाग के बाहर धरना दिया गया। दोपहर से लेकर शाम तक ठेकेदार विभाग कार्यालय के साथ पार्क में बैठे रहे। परंतु विभाग ने ठेकेदारों की एक न सुनी जिस कारण ठेकेदारों ने विरोध में आकर पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन शुरू होने से पहले मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से धरना न देने को लेकर बात की गई पर ठेकेदार नहीं माने। धरने को लेकर भारी पुलिस बल विभाग दफतर के अंदर और बाहर तैनात कर दिया गया था।

शाम को ठेकेदारों द्वारा आपस ‌में ‌मीटिंग कर बुधवार को फिर से धरना देने का एलान किया गया। जानकारी के मुताबिक यूनिटी आफ वाइन कंट्रेक्टर यूनियन पंजाब के पीएस बराड़, गौरव जैन मोहाली ने बताया किपंजाब सरकार की एक्साइज पालिसी आम आदमी के लिए नहीं खास आदमियों के लिए बनाई गई है। जिससे पंजाब के ठेकेदारों में रोष पाया जा रहा है जिसके विरोध में उनको मजबूरन आज धरना देना पड़ा है। उन्होंने बताया कि पालिसी में सरकार ने सिक्योरिटी राशि 7 करोड़ रुपये रखी है, जोकि सभी ठेकेदारों के लिए देना मुमकिन नहीं है। इसके अलावा एल-1 के लिए 30 करोड़ टर्नओवर की शर्त भी पूरी नहीं हो सकती।

इससे पहले 5-7 करोड़ के सर्किल में काम होता था। अब 40 करोड़  के लगभग का बड़ा सर्किल बनाकर सरकार ने छोटे ठेकेदारों को खत्म करने की योजना बनाई है। इससे पहले फिक्स कोटे में काम होता था। अब सरकार ने कोटा ओपन कर दिया। इससे ठेकेदारों को काफी नुकसान होगा। उन्होंने मांग करते कहा कि सरकार इस पालिसी में बदलाव करे। पालिसी में सर्किल छोटे किए जाएं, पांच करोड़ सिक्योरिटी की शर्त खत्म की जाए, एल-1 पुरानी पालिसी के तहत अलाट किए जाएं, कोटा फिक्स किया जाए, ई-टेंडरिग के बजाय लाटरी सिस्टम से ठेके अलाट किए जाएं। उन्होंने बताया कि बताया कि करीब एक ग्रुप को चलाने के लिए 20 करोड़ के करीब की इनवेस्टमेंट चाहिए जो कि किसी भी शराब ठेकेदार के पास नहीं होती है।  यूनियन ने साफ किया कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो ठेकेदारों द्वारा विभाग का बायकाट किया जाएगा और धरना भी आगे जारी रहेगा।