छोटा-सा अंग, बड़ा काम! जानिए कैसे अग्न्याशय कंट्रोल करता है डायबिटीज़ और पाचन
- By Vinod --
- Wednesday, 17 Sep, 2025

Small organ, big job! Learn how the pancreas controls diabetes and digestion
Small organ, big job! Learn how the pancreas controls diabetes and digestion- नई दिल्ली। हमारे शरीर में कई ऐसे अंग हैं जो सामने दिखाई देते हैं और उनका काम हमें तुरंत समझ आ जाता है, लेकिन कुछ अंग चुपचाप रहते हुए भी बेहद महत्वपूर्ण काम करते हैं। ऐसा ही एक अंग है अग्न्याशय।
आयुर्वेद के अनुसार, अग्न्याशय पाचन और जीवनशक्ति दोनों को नियंत्रित करता है। पेट के अंदर आमाशय के पीछे और छोटी आंत के पास स्थित यह छोटा-सा अंग हमारे शरीर में इतनी बड़ी भूमिका निभाता है कि जानकर कोई भी हैरान हो सकता है।
अग्न्याशय की सबसे खास बात यह है कि यह दोहरी भूमिका निभाता है। यह एंडोक्राइन अंग की तरह हॉर्मोन बनाता है और एक्सोक्राइन अंग की तरह पाचन रस भी तैयार करता है। रोज़ाना लगभग डेढ़ लीटर पाचक रस बनाकर यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा को पचाने में मदद करता है। इसके अलावा, अग्न्याशय इंसुलिन और ग्लूकागॉन हॉर्मोन बनाकर रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) का स्तर भी नियंत्रित रखता है। यही कारण है कि यह डायबिटीज़ से सीधा जुड़ा हुआ है। इसमें मौजूद बीटा सेल्स इंसुलिन का निर्माण करते हैं और जब ये कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो शरीर में इंसुलिन की कमी होने लगती है और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
अग्न्याशय धीरे-धीरे कमजोर होता है और इसका असर देर से दिखाई देता है। गलत खान-पान, जंक फूड, तनाव, शराब और धूम्रपान जैसी आदतें इसके कामकाज पर सीधा असर डालती हैं। इतना ही नहीं, अग्न्याशय का कैंसर भी सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक माना जाता है, क्योंकि इसका पता शुरुआती अवस्था में बहुत मुश्किल से चलता है।
यह अंग छोटी आंत से सीधा जुड़ा होता है और इसके द्वारा बनाए गए एंजाइम भोजन को डुओडेनम में पचाने का काम करते हैं। अग्न्याशय इंसुलिन का कोई स्टॉक नहीं रखता, बल्कि हर बार भोजन करने पर तुरंत इंसुलिन बनाता है। यही वजह है कि यह डायबिटीज़ के मरीजों के लिए बेहद महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। अग्न्याशय से बने पाचक रस गॉलब्लैडर से निकलने वाले पित्त के साथ मिलकर भोजन को तोड़ते हैं और एमाइलेज एंजाइम कार्बोहाइड्रेट्स को ग्लूकोज में बदलकर शरीर को तुरंत ऊर्जा देते हैं।
आयुर्वेद में अग्न्याशय को अग्नि से जोड़ा गया है और कहा गया है कि जब अग्नि मजबूत रहती है, तब शरीर स्वस्थ रहता है। अगर अग्न्याशय कमजोर हो जाए, तो मधुमेह, पाचन संबंधी रोग और कई अन्य विकार हो सकते हैं। अग्न्याशय को स्वस्थ रखने के लिए तुलसी, नीम, गिलोय, मेथी, हल्दी, काली मिर्च, आंवला और करेला बेहद लाभकारी माने जाते हैं। इसके साथ ही योग, प्राणायाम और संतुलित जीवनशैली अग्न्याशय की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। वहीं मिठाई और जंक फूड से दूरी बनाकर रखना भी जरूरी है, क्योंकि ये सीधे अग्न्याशय पर बोझ डालते हैं।