बमबाज गुड्डू मुस्लिम : 13 साल में छोड़ा था घर, मां-बाप के जनाजे को भी नहीं दिया कंधा

बमबाज गुड्डू मुस्लिम : 13 साल में छोड़ा था घर, मां-बाप के जनाजे को भी नहीं दिया कंधा

Umesh Pal Murder Case

Umesh Pal Murder Case

प्रयागराज: Umesh Pal Murder Case: कुख्यात माफिया डॉन अतीक अहमद के गुर्गे गुड्डू मुस्लिम (Guddu Muslim) बीते 13 साल में एक बार भी अपने घर नहीं लौटा है. यहां तक कि जब उसके मां बाप की मौत हुई तो भी उसने कोई खोज खबर नहीं ली. यह खुलासा उसकी बड़ी बहन नसरीन (elder sister nasreen) ने किया है. प्रयागराज के शिवकुटी इलाके में रहने वाली गुड्डू मुस्लिम की बहन नसरीन ने बताया कि उसकी तलाश में पुलिस कई बार उसके घर आ चुकी है. यहां पुलिस ने तलाशी भी ली, लेकिन उन्हें इस बदमाश भाई के बारे में कोई जानकारी ही नहीं.

नसरीन ने बताया कि गुड्डू मुस्लिम का असली नाम मोहम्मद मुस्लिम है. नसरीन के मुताबिक गुड्डू मुस्लिम बचपन से ही बदमाशी करता था और करीब 13 साल पहले वह घर से निकल गया. इसके बाद कभी वापस नहीं लौटा. गाहे बगाहे उसकी खबरें तो आयीं, लेकिन वह अपने मां बाप की मौत की सूचना पर भी घर नहीं आया. जबकि वह यहीं चकिया में अतीक अहमद के घर पर ही रहता था. नसरीन के मुताबिक उसके माता पिता के पांच बच्चे हैं.

इनमें गुड्डू मुस्लिम सबसे छोटा है. उसके एक भाई इस समय सउदी में हैं, जबकि दूसरे की मौत हो चुकी है. दो बहनें हैं और दोनों अलग अलग जगह ब्याही गई हैं. नसरीन ने बताया कि उसके पिता को कुष्ठ रोग हुआ था, इसी बीमारी की वजह से उनकी मौत भी हो गई. वहीं पिता की मौत के कुछ दिन बाद ही उसकी मां ने भी दम तोड़ दिया. कहा कि काफी समय पहले ही उसके पूरे परिवार ने गुड्डू मुस्लिम से अपना रिश्ता तोड़ लिया था. ऐसे में वह क्या करता है, किससे मिलता है और कहां रहता है, इसकी कोई जानकारी उनके पास नहीं है.

नसरीन और उसके परिवार ने पुलिस को भी इसी तरह का बयान दिया है. बता दें कि अतीक के गैंग का सबसे खूंखार बमबाज गुड्डू मुस्लिम मूल रूप से प्रयागराज के ही लाला की सरैया का रहने वाला है. 5 लाख रुपये के ईनामी इस बदमाश के पिता यहां पर राजमिस्त्री का काम करते थे. स्थानीय लोगों के मुताबिक घर छोड़ने के बाद उसने अपना नाम बदलकर गुड्डू मुस्लिम रख लिया था.

बचपन में वह अपने घर के पास ही एक बाइक मिस्त्री की दुकान पर काम करता था. इसी दौरान वह छोटे मोटे अपराध भी करता था. मां बाप की मौत के बाद उसके बड़े भाई लाला की सरैया में रहते तो थे, लेकिन दो साल पहले उनकी मौत के बाद यह घर भी वीरान पड़ा है. इन दो सालों में पहली बार एसटीएफ ने इस घर की सुध ली है. एसटीएफ की टीम उसकी पेशी के लिए नोटिस लगाने यहां आई थी.

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