Know why farmers and laborers will do protest in Delhi
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जानिए दिल्ली में क्यों गरजेंगे किसान और मज़दूर

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शिमला: 5 अप्रैल को केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर व किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ दिल्ली में होने वाली मजदूर किसान रैली की तैयारियों के लिए सीटू शिमला शहरी इकाई ने किसान मजदूर भवन कैथू शिमला में बैठक का आयोजन किया। बैठक में शिमला शहर में सीटू से सम्बद्ध सभी यूनियनों  के नेतृत्वकारी मजदूरों ने भाग लिया। बैठक में तय किया गया कि शिमला शहर से दिल्ली रैली में पांच सौ से ज़्यादा मजदूर भाग लेंगे। बैठक में विजेंद्र मेहरा, रमाकांत मिश्रा, बालक राम, हिमी देवी, विनोद बिरसांटा, दलीप सिंह, राम प्रकाश, रंजीव कुठियाला, राकेश, दर्शन, नरेश, पवन, दीप राम, सरीना, निशा, सुरेंद्र, पंकज, संजय सामटा, रीना, अमित, विद्यासागर, राजकुमार आदि शामिल रहे।  

बैठक को सम्बोधित करते हुए सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, रमाकांत मिश्रा व बालक राम ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से केन्द्र में भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार की नवउदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के चलते बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है। जनता की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खर्च करने की क्षमता घट रही है। बेरोजगारी व महंगाई से गरीबी व भुखमरी बढ़ रही है। भूख से जूझ रहे देशों की श्रेणी में भारत पिछड़ कर 121 देशों में 107 वें पायदान पर पहुंच गया है। इन आंकड़ों से मोदी सरकार की देश में तथाकथित विकास के ढिंढोरे की पोल खुल गई है।

उन्होंने देश के मेहनतकश लोगों की बुनियादी मांगों को दोहराया। उन्होंने न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपये प्रति माह देने, सभी श्रमिकों को 10 हज़ार रुपये की पेंशन सुनिश्चित करने, गारंटीकृत खरीद के साथ सभी कृषि उपज के लिए C2+50 प्रतिशत पर MSP की कानूनी गारंटी देने, चार श्रम संहिताओं और बिजली संशोधन विधेयक 2020 को खत्म करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ मनरेगा के तहत 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 कार्यदिवस प्रदान करने, गरीब और मध्यम किसानों और कृषि श्रमिकों को एकमुश्त ऋण माफी देने आदि मांगों प्रमुखता से उठाया। उन्होंने पीएसयू के निजीकरण को रोकने, एनएमपी को खत्म करने, अग्निपथ को खत्म करने, मूल्य वृद्धि को रोकने और पीडीएस को मजबूत करने  व सार्वभौमिक बनाने, सभी श्रमिकों के लिए 10 हज़ार रुपये पेंशन और अमीरों पर कर लगाने की मांग उठाई !