Know The History Of The Victims of Horrific Bombing on Nagasaki

Nagasaki Day 2023: 9 अगस्त को नागासाकी पर 'फैट मैन' बम ने ली थी एक झटके में 40 हज़ार लोगों की जान, देखें इसके इतिहास के बारे में 

Know The History Of The Victims of Horrific Bombing on Nagasaki

Know The History Of The Victims of Horrific Bombing on Nagasaki

Nagasaki Memorial Day 2023: 9 अगस्त को हर साल नागासाकी दिवस मनाया जाता है, वैश्विक इतिहास में एक दुखद महत्व रखता है। यह उस दिन को चिह्नित करता है जब जापानी शहर नागासाकी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बम से तबाह हो गया था। यह दिन परमाणु हथियारों की विशाल विनाशकारी शक्ति और स्थायी शांति की आवश्यकता की याद दिलाता है।

नागासाकी स्मृति दिवस का इतिहास
नागासाकी स्मृति दिवस बहुत ऐतिहासिक महत्व रखता है क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बम हमले की भयावहता को झेलने वाला हिरोशिमा के बाद यह दूसरा शहर था। यह आखिरी बार था जब युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। हिरोशिमा पर पहले परमाणु बम हमले के बाद जापान द्वारा आत्मसमर्पण करने से इनकार करने के बाद, अमेरिका ने 9 अगस्त, 1945 को नागासाकी पर बम गिराया। इस भीषण बमबारी का नागरिक जीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा। रिकॉर्ड के अनुसार, जापान ने इस त्रासदी के जवाब में जीवित बचे लोगों और उनके रिश्तेदारों को चिकित्सा देखभाल और सहायता प्रदान करने के लिए 1995 में एक कानून पेश किया था।

नागासाकी स्मृति दिवस का महत्व
नागासाकी स्मृति दिवस परमाणु हथियारों से हुई मानवीय पीड़ा और तबाही की याद दिलाता है। यह दिन बम विस्फोटों के पीड़ितों के सम्मान में विभिन्न समारोहों, आयोजनों और प्रार्थनाओं के साथ मनाया जाता है। इस दिन, नागासाकी के पीस पार्क में प्रतिवर्ष नागासाकी शांति स्मारक समारोह आयोजित किया जाता है, जिसमें जीवित बचे लोग, निवासी और अधिकारी भाग लेते हैं। शांति घंटी बजाना समारोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो युद्ध रहित विश्व की इच्छा का प्रतीक है। समारोह के दौरान, प्रतिभागी प्रार्थना करते हैं, पीड़ितों को श्रद्धांजलि देते हैं और परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया की दिशा में काम करने की प्रतिज्ञा करते हैं।

Nagasaki Day: 9th August

9 अगस्त 1945 के दिन क्या हुआ था?
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, 9 अगस्त 1945 के दिन अमेरिका ने जापान के नागासाकी शहर पर दूसरा परमाणु बम गिराया था। इससे पहले 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने ही जापान के हिरोशिमा शहर पर पहला परमाणु बम गिराया था। दूसरे विश्व युद्ध में संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) मित्र राष्ट्रों (Allies) का सदस्य था जबकि जापान, धुरी राष्ट्रों (Axis Powers) में शामिल था।

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Nagasaki Day – घटनाओं की श्रंखला
1.8 मई 1945 को जर्मनी के आत्मसमर्पण के बाद यूरोप में युद्ध समाप्त हो गया था। लेकिन प्रशांत क्षेत्र में युद्ध मित्र राष्ट्रों और जापान के बीच जारी रहा।
2.मित्र राष्ट्रों ने जुलाई 1945 में पॉट्सडैम घोषणा में, जापान से बिना शर्त आत्मसमर्पण के लिए कहा। हालांकि, इस अल्टीमेटम को जापान ने नजरअंदाज कर दिया, जिसने युद्ध को जारी रखा।
3.इससे पहले 7 दिसंबर 1941 को जापानी सेना ने अमरीकी नौसेना बेस पर्ल हार्बर (Pearl Harbor) पर हवाई हमला किया था, जिसमें दो हजार से भी अधिक अमेरिकी (सैनिक + अन्य) लोग मारे गए थे। जिसके बदले में अमेरिका ने उससे कई गुना तबाही मचा दी थी।
4.अमेरिकी सेना ने 1944 में युद्ध में परमाणु हथियारों के उपयोग को संचालित करने के लिए 509वें समग्र समूह नामक एक अलग इकाई बनाई थी।
5.हिरोशिमा और नागासाकी को उनके महत्व और औद्योगिक व सैन्य सुविधाओं के कारण, अमेरिका की ‘लक्ष्य समिति’ ने अपने पांच लक्ष्यों को शॉर्टलिस्ट करने के बाद, जापान के इन दो जगहों चुना था।
6.जापानी शहरों में इस्तेमाल किए जाने वाले परमाणु बमों के आदेश 25 जुलाई को जारी किए गए थे।
7.6 अगस्त 1945 को, एक बी-29 (अमेरिकी सेना के बमवर्षक) ने हिरोशिमा पर ‘लिटिल बॉय’ गिराया। ‘लिटिल बॉय’ हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम का कोडनेम था जो एक यूरेनियम गन-टाइप बम था।
8.9 अगस्त 1945 को, अमेरिका ने एक और परमाणु बम नागासाकी शहर पर गिराया, जिसका कोडनेम ‘फैट मैन’ था। यह एक प्लूटोनियम इम्प्लोजन-टाइप का बम था।

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Nagasaki Tragedy का प्रभाव
1.हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम ‘लिटिल बॉय’ के बाद, ठीक इसी प्रकार का दूसरा परमाणु बम भी नागासाकी पर गिरा जिसके विस्फोट ने एक बार फिर से भयंकर, दर्दनाक, दुखद दृश्य को जन्म दे दिया था, जिसने अपने चारों ओर तबाही के अलावा कोई निशान नहीं छोड़ा।
2.कंक्रीट की बड़ी इमारतों को छोड़कर आस-पास की हर चीज़ विनाश की बलि चढ़ चुकी थी।
3.इस विस्फोट में 80 हजार से अधिक लोगों की मौत का अनुमान लगाया गया।
4.बमबारी के बाद के महीनों तक, विकिरण बीमारी, जलन और अन्य घावों के कारण लोग मरते रहे।