IPS Shivdeep Lande Wanted To Kill His Father: पिता की हत्या करना चाहते थे आईपीएस शिवदीप लांडे, पूरी कहानी पढ़ें

पिता की हत्या करना चाहता था यह IPS अफसर, हर रोज दिमाग में बनती थी प्लानिंग, फिर... पूरी कहानी यहां पढ़ें

IPS Shivdeep Lande Wanted To Kill His Father

IPS Shivdeep Lande Wanted To Kill His Father

IPS Shivdeep Lande Wanted To Kill His Father : लोगों में जिस कहानी को आप सामने से देखते हैं वह पूरी नहीं है बल्कि उसके पीछे इससे भी एक बड़ी कहानी छिपी होती है और जब यह कहानी सामने आती है तो देखने वाली आंखें भी चौंक जाती है और सुनने वाले कान भी सन्न रह जाते हैं| अब जरा बताइये कि आपके सामने कोई आईपीएस अफसर है जो अपराध का खात्मा करने को तत्पर रहता है और उसके बारे में आपसे यह कह दिया जाए कि वह कभी हत्या करने की सोचा करता है तो आपको कैसा लगेगा?

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दरअसल, बात हो रही है बिहार कैडर के एक धांसू और दबंग आईपीएस अफसर शिवदीप लांडे की| आईपीएस शिवदीप लांडे ने अपनी जिंदगी को लेकर एक बड़ा ही चौंकाने वाला खुलासा किया है| आईपीएस शिवदीप लांडे ने खुद अपनी जुबानी और लिखकर यह बताया है कि कैसे वह कभी अपने पिता की हत्या करने की सोचा करते थे और कर देना चाहते थे| उनके दिमाग में हर रोज बार-बार ख्याल आता था कि वह या तो पिता की हत्या कर दें और या फिर घर छोड़कर भाग जाएं|

अपनी जिंदगी की अनकही और अंजानी कहानी को किताब में लिखा

बतादें कि, आईपीएस अफसर शिवदीप लांडे ने एक किताब लिखी है| इस किताब में उन्होंने अपनी जिंदगी की अनकही और अंजानी कहानी को एकदम साफ-साफ बयां किया है| किताब का नाम है 'वूमेन बिहाइंड द लायन'| इस किताब में सिर्फ शिवदीप लांडे की ही कहानी नहीं है बल्कि उनसे जुड़े उनके परिवार के किरदार भी शामिल हैं| शिवदीप लांडे की यह किताब उनकी कहानी तो बयां करती ही है साथ ही यह किताब उनके माता-पिता पर भी आधारित है|

शिवदीप लांडे बताते हैं कि, इस किताब में उनकी मां की बहुत ज्यादा झलख है| उन्होंने एक मां के समर्पण और संघर्ष के बारे में बताया है| इस किताब को उनकी मां के लिए एक तोहफा भी माना जा सकता है| इसके अलावा इस किताब में उनके पिता हीरो और विलेन दोनों की भूमिका में हैं|

हत्या करने और घर से भाग जाने की सोचने वाला आज आईपीएस ऑफिसर है

शिवदीप लांडे ने बताया कि, किताब में उन्होंने अपनी किसी भी गलती को न तो छिपाया और न ही बनी बनाई बातें लिखी हैं| उन्होंने जो भी लिखा है वह सब उनके साथ हुआ है, उन्होंने किया है| शिवदीप लांडे कहते हैं कि जब मैं इस किताब को लिख रहा था तो मुझे अपनी सोच और किए कराये पर हंसी आती थी और साथ ही तरस के साथ पछतावा भी होता था कि क्या कर रहा था मैं| शिवदीप लांडे कहते हैं कि जिसे कभी लगता था कि उसे अपने पिता की हत्या कर देनी चाहिए या घर छोड़कर भाग जाना चाहिए| आज वो आईपीएस ऑफिसर है और हत्यारों को पकड़ रहा है|

परिस्थितियां बनाती हैं पर्सनालिटी

आईपीएस शिवदीप लांडे का कहना है कि, किसी भी व्यक्ति की पर्सनालिटी दो तरीकों पर डिपेंड करती है| एक तो किसी भी व्यक्ति की पर्सनालिटी नेचरवाइज होती है यानि प्राकृतिक और दूसरी अगर किसी की पर्सनालिटी बनती है तो वह परिस्थितियों और समाज के आधार बनती है| आईपीएस शिवदीप लांडे कहते हैं कि, वह उन दिनों जो भी सोचा करते थे वह परिस्थितियों पर आधारित था| तब ऐसी परिस्थितियां थीं कि उनके विचार वैसे रहे|

शिवदीप लांडे ने बताया कि वह एक निम्न घर से ताल्लुक रखते थे| उनके दिन कभी बेहद मुश्किल हालातों में गुजरे| लेकिन उसके बावजूद भी अपने संघर्ष से आज वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं| शिवदीप लांडे घर में सबसे बड़े हैं| उनका एक छोटा भाई और एक छोटी बहन है| वह मूल रूप से महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले हैं|

वर्तमान में बिहार के सहरसा रेंज के DIG

शिवदीप लांडे वैसे तो बिहार कैडर के आईपीएस अफसर हैं, लेकिन करीब पांच साल वह महाराष्ट्र में भी तैनात रहे| शिवदीप लांडे जब बिहार में एसटीएफ के एसपी के पद पर तैनात थे, तब उनका तबादला महाराष्ट्र कैडर के लिए हो गया था| बिहार वापसी तक वह महाराष्ट्र एटीएस में डीआईजी के पद पर पहुंच चुके थे| इसलिए बिहार आने पर उन्हें सहरसा रेंज का डीआईजी बनाया गया है| शिवदीप लांडे की गिनती बिहार के तेज-तर्रार आईपीएस अफसरों में होती है|

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